वित्त-बीमा

शहरी सहकारी बैंकों के लिए पीसीए का प्रारूप जारी, 1 अप्रैल 2025 से होगा प्रभावी

नया प्रारूप उन यूसीबी पर लागू होगा, जिनमें जमा 100 करोड़ रुपये से ऊपर है। शहरी सहकारी बैंकों को 4 वर्गों में बांटा गया है।

Published by
अभिजित लेले   
Last Updated- July 26, 2024 | 11:49 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने कमजोर शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) में समय से सुधार के कदम उठाने के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) का प्रारूप जारी किया है। यूसीबी के लिए पीसीए ढांचा मौजूदा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) की जगह लेगा और यह 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा।

नया प्रारूप उन यूसीबी पर लागू होगा, जिनमें जमा 100 करोड़ रुपये से ऊपर है। शहरी सहकारी बैंकों को 4 वर्गों में बांटा गया है। टियर-1 में ऐसे यूसीबी हैं, जिनमें 100 करोड़ रुपये तक जमा है। टियर-2 में 100 करोड़ रुपये से उपर और 1,000 करोड़ रुपये तक जमा वाले बैंक शामिल हैं। वहीं टियर-3 में 1,000 करोड़ रुपये से ऊपर और 10,000 करोड़ से नीचे और टियर-4 में 10,000 करोड़ रुपये से ऊपर जमा वाले बैंक शामिल हैं।

संशोधित प्रारूप से बड़े यूसीबी पर ज्यादा ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। रिजर्व बैंक ने कहा कि इनके पर्यवेक्षी संसाधनों के अधिकतम उपयोग करके इनकी कड़ी निगरानी की जरूरत है। टियर-1 यूसीबी को अभी पीसीए प्रारूप से बाहर रखा गया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि मौजूदा पर्यवेक्षी ढांचे के तहत इनकी बढ़ी निगरानी जारी रह सकती है।

First Published : July 26, 2024 | 10:35 PM IST