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अब शेयर, म्यूचुअल फंड या अन्य सिक्योरिटीज़ में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए पेमेंट करना और भी सुरक्षित हो गया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने बुधवार को दो नई सुविधाएं शुरू की हैं — @valid UPI हैंडल और SEBI Check टूल। इनका उद्देश्य निवेशकों को फर्जीवाड़े से बचाना और यह सुनिश्चित करना है कि पैसा केवल सेबी से पंजीकृत संस्थाओं के पास ही जाए।
@valid UPI हैंडल:
अब सेबी से पंजीकृत सभी इंटरमीडियरी — जैसे कि ब्रोकर्स और म्यूचुअल फंड कंपनियां — अपने पेमेंट के लिए ऐसे UPI आईडी का इस्तेमाल करेंगी जो @valid पर खत्म होगी। इसके साथ ही इन आईडी में पहचान के लिए “.brk” (ब्रोकर्स के लिए) या “.mf” (म्यूचुअल फंड के लिए) जैसे सुफिक्स भी होंगे। इससे निवेशक तुरंत पहचान सकेंगे कि वे किसे पेमेंट कर रहे हैं।
ट्रस्ट सिंबल:
अगर आप @valid हैंडल के जरिए पेमेंट करते हैं, तो स्क्रीन पर एक ग्रीन त्रिकोण और थंब्स-अप का चिन्ह दिखाई देगा। यह इस बात की पुष्टि करेगा कि पेमेंट सही संस्था को जा रहा है। इसके अलावा, QR कोड स्कैन करते समय भी यही सिंबल दिखाई देगा।
सेबी के मुताबिक, 90% से ज्यादा ब्रोकर्स और सभी म्यूचुअल फंड हाउस पहले ही @valid UPI सिस्टम पर आ चुके हैं।
आप चाहे तो पहले की तरह NEFT, RTGS या IMPS का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, लेकिन @valid हैंडल डिजिटल भुगतान को और तेज़ व सुरक्षित बनाता है।
इस टूल के जरिए निवेशक किसी भी इंटरमीडियरी का UPI आईडी या बैंक खाता नंबर और IFSC कोड डालकर उसकी जांच कर सकते हैं। यह सुविधा SEBI Check पोर्टल, Saarthi ऐप या सेबी की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
सेबी ने कहा है कि ये नई पहलें निवेशकों को सुरक्षित भुगतान की गारंटी देती हैं, धोखाधड़ी की संभावना को कम करती हैं और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाती हैं।
निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले फर्जी या अपंजीकृत संस्थान अब भी बड़ी चुनौती बने हुए हैं। इन नई सुविधाओं के जरिए —
निवेशक आसानी से यह पहचान सकते हैं कि उनका ब्रोकर या म्यूचुअल फंड असली है या नहीं।
हर भुगतान पर उन्हें एक भरोसेमंद पहचान चिन्ह मिलेगा।
किसी भी भुगतान से पहले वे खुद जानकारी की पुष्टि कर सकेंगे।
जब भी निवेश से जुड़ा कोई भुगतान करें, तो यह जरूर देखें कि UPI हैंडल @valid से खत्म हो रहा है और उस पर ग्रीन थंब्स-अप सिंबल है या नहीं। अगर कोई शक हो, तो SEBI Check के जरिए डिटेल्स की जांच जरूर करें।
सेबी की यह पहल खास तौर पर छोटे और खुदरा निवेशकों के लिए राहत भरी है, जिससे उन्हें निवेश के दौरान अधिक भरोसा, सुरक्षा और पारदर्शिता मिलेगी।