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बाजार पर पड़ सकती है और मार

Last Updated- December 07, 2022 | 7:00 AM IST

महंगाई के दोहरे अंकों में पहंचने के साथ ही बाजार पिछले हफ्ते औंधे मुंह गिरा। निफ्टी 3.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4375.5 अंकों पर बंद हुआ जो कि पिछले दस महीने में सबसे निचला स्तर है।


दूसरी तरफ सेंसेक्स 4.07 प्रतिशत की गिरावट केसाथ 14571 अंकों पर बंद हुआ,जबकि डेफ्टी 3.83 प्रतिशत की गिरावट के साथ नीचे आ गया। रुपया भी गिरकर 42.97 के स्तर पर पहुंच गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा की गई भारी बिकवाली से रुपये का यह हाल हुआ।

इसके अलावा घरेलू निवेशकों ने भी बिकवाली में उत्साह दिखाया। गिरावट वाले शेयरों की संख्या ज्यादा रही जबकि चढ़ने वाले शेयर कम रहे। इस कारण बाजार में राहत के कोई आसार नहीं दिखे और सबकी सांस अटकी रही। बाजार में शेयरों का कारोबार भी काफी गिर गया। जूनियर में 4.03 प्रतिशत की कमी आई तो बीएसई 500 में 3.64 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।

नजरिया : निफ्टी में अच्छी रिकवरी तभी आ सकती है जब उसे 4200 अंकों के आसपास सपोर्ट मिले। उम्मीद है कि उसे 4200 के स्तर पर सपोर्ट मिल सकता है। पर उसमें सुधार की प्रक्रिया को 4600-4650 के बीच कड़े प्रतिरोध का सामाना करना पड़ सकता है। इस हफ्ते सेटलमेंट की प्रक्रिया से अनिश्चितता का माहौल रह सकता है जिससे काफी उतार-चढ़ाव आ सकता है। हालांकि शॉर्ट कवरिंग चलने से इसमें कुछ समय के लिए सुधार हो सकता है।

दलील : शुक्रवार को बाजार में की सपोर्ट लेवल ब्रेक हो गया।  यह ब्रेकआउट कम कारोबार पर था, फिर भी मान सकते हैं कि निफ्टी 4200 अंकों पर टिके रहने की कोशिश कर सकता है। इस स्तर पर बाजार को अच्छा सपोर्ट मिलने की उम्मीद है। अगले सप्ताह में शॉर्ट-कवरिंग के कारण बाजार की स्थिति कुछ सुधर सकती है लेकिन बाजार निश्चित तौर पर इंटरमिडिएट डाउनट्रेंड (यह स्थिति 7 सप्ताह से जारी है) की स्थिति में है। यहां से स्थिति और बिगड़ सकती है।

दूसरा नजरिया: बाजार की स्थिति में सुधार के लिए अब कुछ अच्छी खबरों की जरूरत है जिनसे इसमें मजबूती आ सकती है। तकनीकी तौर पर कहें तो हमें गिरावट का रुझान रोकने के लिए ज्यादा कारोबार की जरूरत है। तभी इसका 4650 का रेजिस्टेंस टूट सकता है। हो सकता है कि परमाणु समझौता इसमें मदद करे?

तेजड़िए और मंदड़िए : अगर अगले सप्ताह बाजार में तेजी आती है तो यह शार्ट-कवरिंग के भरोसे ही होगी  और यह गुरुवार 19 जून की बंदी का स्तर तोड़ सकती है। उदाहरण के लिए बैंकों पर पिछले कुछ दिनों में जबरदस्त मार पड़ी है। इनमें से कुछ में सुधार की उम्मीद की उम्मीद की जा सकती है। रुपये में आ रही गिरावट के कारण आईटी सेक्टर में भी कुछ सुधार आने की संभावना है, जबकि ऑयल एक्सप्लोरेशन तीसरा संभावित क्षेत्र है जहां कुछ हलचल देखने को मिल सकती है।

ज्यादतर शेयर ऐसे हैं जिनमें अब काफी गिरावट आ चुकी है। सेटलमेंट प्रक्रिया के बावजूद कारोबारी शॉर्ट में चल सकते हैं या फिर बाजार से बाहर रह सकते हैं। जिन क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है, उनमें रियल एस्टेट, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के शेयर, कंस्ट्रक्शन कंपनियां और ऑटोमोबाइल सेक्टर प्रमुख हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि ये सभी सेक्टर मूल्यों और उपभोक्ताओं की भावनाओं पर निर्भर रहते हैं।

पिछले सप्ताह मेटल का प्रदर्शन भी निराशजनक रहा। इसके अलावा टेलीकॉम सेवाप्रदाताओं को भी गिरावट की मार खानी पड़ी। रिलायंस और एडीएजी दोनों समूहों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और मुझे लगता है कि इसका कारण मुनाफे के लिए ऊंची पोजीशन ज्यादा होना है जिससे वे बेच-बेच कर निकल गए। मेरे विचार से शार्ट करने वालों को यहीं फोकस करना चाहिए।

कॉर्पोरेशन बैंक
मौजूदा भाव : 284 रुपये
लक्ष्य : 300 रुपये

शुक्रवार को इसके शेयरों में कम कारोबार होने से 10 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी गई। कमजोर सत्र में यह अपने निचले स्तर पर आ गया लगता है। हालांकि 300 रुपये तक इसमें शॉर्ट कवरिंग की भी अच्छी संभावना है। 280 रुपये के स्तर पर रुकें और फिर लंबे समय के लिए रखें। अगर 280 रुपये का स्टॉप टूटता है तो डाउनसाइड लक्ष्य होगा 270 रुपये।

एचओईसी
मौजूदा भाव : 127 रुपये
लक्ष्य : 135 रुपये

यह शेयर इस समय 125 से 35 रुपये के  बीच कारोबार कर रहा है। शुक्रवार को मामूली रिकवरी से पहले इसने अपने सबसे निचले स्तर को छुआ। इन उम्मीदों के मद्देनजर कि अब यह अपनी ऊपर की रेंज पर जाएगा, इसमें लंबी पोजिशन लाभदायक हो सकती है। 125 रुपये पर स्टॉप लेकर लंबा रोकें। अगर 134 से ऊपर जाए तो कवर करें।

आईएफसीआई
मौजूदा भाव : 50 रुपये
लक्ष्य : 45 रुपये

पिछले सप्ताहों में कई बार धराशयी होने की आशंका के बीच इस शेयर ने गिरावट का रुझान आखिर तोड़ दिया है।  इसका टारगेट 45 रु. के आसपास है। ताकतवर रुझान दिखाने के पिछले इतिहास को देखते हुए यह टारगेट बढ़ भी सकता है। 52 रुपये के स्तर पर रुकें और कम समय के लिए रखें। 46 रुपये के स्तर पर कवर करें।

नौकरी
मौजूदा भाव : 999 रुपये
लक्ष्य : 1,055 रुपये

नौकरी उन कुछ चुनिंदा शेयरों में शामिल है जो शुक्रवार को अपने बूते टिका रहा। असल में इसका न केवल कारोबार बढ़ा बल्कि भाव भी बढ़े। इसके वर्तमान लेवल पर एक बड़ा रेजिस्टेंस है। यह 1,015 रुपये तक बना रहेगा। हालांकि अगर यह 1,015 रुपये के ऊपर बंद होता है तो यह 1,055 रुपये तक जा सकता है। 990 पर स्टॉप लगाएं और 1015 पर मुनाफा बुक करें।

रिलायंस इंडस्ट्रीज
मौजूदा भाव : 2,099 रुपये
लक्ष्य: 2,025 रुपये

आरआईएल ने शुक्रवार के कारोबार में 2,150 रुपये के महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल तोड़ दिया और भारी कारोबार के बीच 44 फीसदी हाई डिलिवरी रेशो के साथ तेजी से नीचे आया। इसमें 2,070 रुपये पर सपोर्ट तो है लेकिन 2,025 रुपये का लक्ष्य भी है। अगले चार सत्रों में यह शेयर 2,025 से 2,150 रुपये केबीच रह सकता है।

शेयर पर नजर
एटलस कॉपको

एटलस कॉपको काउंटर की स्थापना 16 जून को हुई। उसके बाद से इसके शेयरों में तो 24.86 फीसदी का उछाल दर्ज हुआ है,लेकिन अभी भी बहुत सारे काम बाकी हैं। मसलन, इसकी बोर्ड मीटिंग जो 25 जून को तय है,में शेयरों को फिर से खरीदे जाने पर विचार होना है। कंपनी के शेयरों में हफ्तभर के दौरान ही खासा इजाफा हुआ है,लेकिन बाजार गिरने की वजह से मनमाफिक मुनाफा हासिल करना अभी बाकी है।

मालूम हो कि इंजीनियरिंग इक्विपमेंट निर्माता कंपनी ने अप्रैल 2008 में हैदराबाद स्थित दो फर्मों फोकस रॉकबिट और प्रिज्म रॉकटूल्स में 25 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी है। इसके शेयरों ने अपने 52 हफ्तों के सबसे ऊंचे स्तर को छुआ है। 24 मार्च को जहां इसके शेयरों की कीमत महज 680 रुपये थी अब इसकी कीमत 1,799 रुपये तक जा पहुंची है।

सप्ताह का शेयर
बीओसी इंडिया

कोलकाता सिथत औद्योगिक गैस के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी बीओसी का शेयर इस बार सप्ताह का शेयर रहा। कारोबारी सप्ताह में इसका शेयर 20.43 फीसदी चढ़कर 196.3 रुपये पर पहुंच गया। यह तेजी बीओसी की ब्रितानी पैतृक कंपनी बीओसी ग्रुप की ओर से 200 रुपये के ओपन ऑफर के बाद आई।

पैतृक कंपनी ने इससे पहले 165 रुपये प्रति शेयर की पेशकश की थी, लेकिन इस बार इसे बढ़ाकर 200 रुपये प्रति शेयर कर दिया गया। इस ओपन ऑफर के बाद पैतृक कंपनी में हिस्सेदारी 73.99 फीसदी से बढ़कर 93.99 फीसदी हो जाएगी। बीएसई और एनएसई को मिलाकर इस सप्ताह में इसके 50 लाख शेयरों पर कारोबार हुआ।

यह वोल्यूम बीते सप्ताह की तुलना में तीन गुना अधिक था। म्युनिख स्थित लिंडे एजी, जिसने बीओसी को 2006 में अधिग्रहित किया था, अगले 7 से 10 सालों में अपनी घरेलू वृध्दि की योजना के तहत बीओसी इंडिया में 6,700 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रही है।  

First Published - June 23, 2008 | 12:00 AM IST

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