प्रॉपर्टी की बिक्री पर लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 7:12 PM IST

मैंने एक बड़ा फ्लैट खरीदने की योजना बनाई है और इसके लिए मैं अपना पुराना मकान बेच कर पैसे जुटाउंगा।


पुराना फ्लैट खरीदे 20 साल गुजर चुके हैं और मैं चाहता हूं कि इसकी अच्छी कीमत मिले। इससे टैक्स पर क्या फर्क पड़ेगा?
  – निखिल कोठारी


पुराना फ्लैट बेचने से आपको दीर्घकालिक पूंजीगत फायदा होगा। चूंकि आप एक नया फ्लैट खरीदना चाहते हैं तो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 54 के मुताबिक आप कर में छूट के हकदार हो सकते हैं।


इस धारा के में यह कहा गया है कि मौजूदा फ्लैट से होने वाली आय घर संपत्ति से आय के अंतर्गक कर योग्य आय है। साथ ही संपत्ति 36 महीने से अधिक समय के लिए रखी गई हो। नया घर, पुराने घर के हस्तांतरण के एक साल पहले या दो या तीन साल बाद ले लेना चाहिए।


ये सारी शर्तें पूरी होने की स्थिति में पुराने घर पर मिलने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ में से उतने पर कर में छूट मिलेगी जितना नए घर पर खर्च किया गया है। इसके साथ ही नया घर अगले 36 महीने तक बेचा नहीं जा सकेगा। इस अवधि से पहले नया घर बेचने पर कर में छूट नहीं मिलेगी और कर देने के लिए कहा जाएगा।


मैंने हाल ही में नया डी-मैट खाता खोला है। मेरे पास जो शेयर हैं वह पिछले एक साल से पुराने डी-मैट खाते में हैं जो सूरत में है। मैने जगह बदल ली है और अब मैं शेयरों को नए खाते में डालना चाहता हूं। मैं इस बारे में जानता नहीं हूं कि नए खाते से शेयर बेचने पर होने वाले लाभ का क्या होगा?
–  फेनी देसाई


आपके शेयर दीर्घकालिक पूंजी परिसंपत्ति के रूप में माने जाएंगे। यह शेयर आपके पास कितने समय तक रहे इसकी गणना करते समय इस बात की भी गणना की जाएगी कि आपने उन्हें सूरत वाले खाते में कितनी समयावधि के लिए रखा।


अगर आप उन्हें पुराने डी-मैट खाते में से नए में डालते हैं तब भी वह दीर्घकालिक पूंजी परिसंपत्ति ही माने जाएंगे। यदि आप इन शेयरों को सरप्लस पर बेचते हैं तो मिलने वाला लाभ दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ समझा जाएगा और अगर आपने एसटीटी समय पर चुकाया है तो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 10(38) के तहत इस पर कर में छूट मिलेगी।


मैं जानना चाहता हूं कि क्या मेरी यह जानकारी सही है कि 1 अप्रैल 2008 से लघु अवधि के पूंजीगत लाभ जिन पर सिक्योरिटीज ट्राजेक्शन टैक्स चुका दिया गया है से कन्सेशनल टैक्स हटा लिया गया है और इसके चलते  शेयर बाजार गिर गया है।
–  मिहिर हिन्दोचा


यह सही नहीं है। इक्विटी शेयरों या फिर इक्विटी आधारित फं ड की इकाइयों के हस्तांतरण से मिलने वाले लघु अवधि के पूंजीगत लाभ जिस पर एसटीटी चुका दिया गया है, पर लगने वाला कर हटाया नहीं गया है बल्कि इसे 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है(साथ में सरचार्ज और सेस)।


मैंने 31 मार्च 2008 को खत्म हुए लेखा वर्ष में अपने सीए की फीस के रूप में 79000 रुपये नकद अदा किए। क्या इस सारी राशि पर कर में छूट नहीं मिलेगी?
– सुजाता नटराजन


खुशखबरी यह है कि मार्च 2008 तक किए गए भुगतान कर छूट के दायरे से बाहर नहीं हैं। आपक ो टैक्स अथॉरिटी के सामने ठीक तरह से अपनी बात रखनी होगी कि आपके मामले में संशोधिक कानून लागू नहीं होता है।


इसका मतलब यह है कि 31 मार्च तक किया गए भुगतान पूरी तरह सुरक्षित हैं और इस पर कर छूट खत्म नहीं होगी। इसलिए इस मामले में आपको ज्यादा चिंती करने की बात नहीं है।लेकिन आइंदा 20000 रुपये से ज्यादा का नकद भुगतान न करें वरना इसे व्यावसायिक खर्च माना जाएगा और इस पर कर में छूट नहीं मिलेगी।


लेखक चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं

First Published : April 7, 2008 | 12:20 AM IST