facebookmetapixel
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के 50 साल: भारत में बदलाव और सुधार की कहानी Editorial: बीमा क्षेत्र में 100% FDI से निवेश, प्रतिस्पर्धा और सुशासन को मिलेगा बढ़ावाभारत को मौद्रिक नीति और ‘तीन तरफा दुविधा’ पर गंभीर व खुली बहस की जरूरतCAFE-3 Norms पर ऑटो सेक्टर में बवाल, JSW MG Motor और टाटा मोटर्स ने PMO को लिखा पत्रShare Market: चौथे दिन भी बाजार में गिरावट, सेंसेक्स-निफ्टी सपाट बंदSEBI कानूनों में दशकों बाद बड़ा बदलाव: लोकसभा में पेश हुआ सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल 2025‘नो PUC नो फ्यूल’ नियम से पहले दिल्ली में अफरा-तफरी, 24 घंटे में 31 हजार से ज्यादा PUC सर्टिफिकेट जारीSBI, PNB, केनरा से लेकर IOB तक ने लोन की दरों में कटौती की: आपके लिए इसका क्या मतलब है?Ola-Uber की बढ़ी टेंशन! दिल्ली में लॉन्च हो रही Bharat Taxi, ₹30 में 4 किमी का सफरExplainer: ओमान के साथ भी मुक्त व्यापार समझौता, अबतक 17 करार; भारत FTA पर क्यों दे रहा है जोर?

मिड, स्मॉलकैप फंडों में सतर्कता से करें निवेश

Last Updated- December 11, 2022 | 6:36 PM IST

भारतीय इक्विटी में आई हालिया गिरावट से मिडकैप व स्मॉलकैप फंडों का प्रदर्शन लार्जकैप फंडों के मुकाबले कमजोर हुआ है। म्युचुअल फंड उद्योग के भागीदारों ने पाया है कि बुरे दिन अभी खत्म नहीं हुए हैं और निवेशकों को निश्चित तौर पर सतर्कता के साथ निवेश करना चाहिए। वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले महीने मिडकैप व स्मॉलकैप फंडों ने औसतन क्रमश: 7.54 फीसदी व 9.77 फीसदी की गिरावट दर्ज की। लार्जकैप फंडों ने हालांकि इस अवधि में 5.33 फीसदी का नकारात्मक रिटर्न दर्ज किया है।
आने वाले महीनों में ब्याज दरों में और बढ़ोतरी और उच्च महंगाई मिडकैप व स्मॉलकैप शेयरों को दबाव में रख सकते हैं।
पिछले महीने एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स करीब 4.31 फीसदी टूटा जबकि एसऐंडपी बीएसई मिडकैप इंडेक्स व एसऐंडपी बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स ने क्रमश: 8.58 फीसदी व 11.4 फीसदी का नकारात्मक रिटर्न दिया।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट रिसर्च ने म्युचुअल फंड पर अपनी रिपोर्ट में कहा है, लगातार दो साल तक स्थिर व उम्दा प्रदर्शन, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज बढ़ोतरी के कारण बाजार में संभावित उतारचढ़ाव और अल्पावधि के लाभ को लेकर चिंता से मिडकैप व स्मॉलकैप फंडों में मौजूदा स्तर पर नया निवेश करने में सतर्क रुख अपनाना बुद्धिमानी होगी। कुछ महीनों को छोड़ देंं तो स्मॉलकैप व मिडकैप फंडों ने अन्य श्रेणियों के मुकाबले कैलेंडर वर्ष 2022 की शुरुआत तक उम्दा प्रदर्शन किया है। पिछले दो वर्षों में मिडकैप व स्मॉलकैप शेयरों में सरकारी नीतिगत कदमों मसलन विभिन्न क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना व कम ब्याज दरों के कारण अच्छी खासी तेजी देखने को मिली है।

First Published - May 30, 2022 | 12:55 AM IST

संबंधित पोस्ट