facebookmetapixel
Waaree Energies के ​खिलाफ US में जांच शुरू, चीनी सोलर सेल्स पर शुल्क चोरी के आरोप; स्टॉक 5.5% से ज्यादा टूटाअमेरिका का 100% टैरिफ: भारत की 10.5 अरब डॉलर की इंडस्ट्री पर वार, फार्मा शेयरों में भारी गिरावटट्रंप ने TikTok US डील को दी मंजूरी, $14 बिलियन में अमेरिकी निवेशकों को मिलेगा बिजनेससोना-चांदी की कीमतों में गिरावट; चेक करें एमसीएक्स पर आज का भावGK Energy IPO listing: सुस्त बाजार में मजबूत एंट्री, ₹171 पर लिस्ट हुए शेयर; निवेशकों को मिला 12% लिस्टिंग गेनSolarworld Energy IPO: अलॉटमेंट हुआ फाइनल, शेयर हाथ लगे या नही; फटाफट चेक करें अलॉटमेंट स्टेटसदवाओं पर 100% टैरिफ से इंडस्ट्री पर क्या होगा असर? एनालिस्ट ने बताया- कैसे प्रभावित होंगे एक्सपोर्टरHDFC बैंक Q2 के नतीजों की तारीख और समय घोषित, तिमाही कमाई और बोर्ड मीटिंग शेड्यूल देखेंStocks to Watch today: ट्रंप के नए टैरिफ के बाद Pharma Stocks पर फोकस, Polycab; Eternal समेत इन स्टॉक्स पर भी रहेगी नजरअमेरिका ने दवाओं पर 100% आयात टैरिफ लगाया, ट्रंप बोले- छूट के लिए लोकल फैक्ट्री होना जरूरी

IT प्रणाली पर साइबर हमलों को बहुत गंभीरता से लें बीमाकर्ता, कंपनियों से डेटा लीक होने के बाद IRDAI ने जारी किया निर्देश

बीमा नियामक ने कहा है कि वह संबंधित बीमा कंपनी के मामले की नजदीकी से निगरानी कर रहा है और वह उनके प्रबंधन से संपर्क में है।

Last Updated- October 20, 2024 | 9:52 PM IST
Indians lost Rs 485 crore in UPI fraud, 6.32 lakh cases registered UPI धोखाधड़ी में भारतीयों ने गंवाए 485 करोड़ रुपये, 6.32 लाख मामले दर्ज हुए

बीमा कंपनियों से डेटा लीक होने के बाद भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने सभी बीमाकर्ताओं के लिए परामर्श जारी करके कहा है कि वे अपनी आईटी व्यवस्था की कमजोरियों की जांच करें और पॉलिसीधारकों के डेटा की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं।

बीमा नियामक ने एक बयान में कहा, ‘हाल में दो बीमा कंपनियों से डेटा लीक की खबरें आईं। आईआरडीएआई डेटा सुरक्षा को बहुत महत्त्वपूर्ण मानता है और डेटा संबंधी उल्लंघन और बीमा कंपनियों की आईटी प्रणाली पर साइबर हमले आदि को बहुत गंभीरता से लेता है।’

हाल ही में स्टार हेल्थ ऐंड एलायड इंश्योरेंस के सर्वर से डेटा के उल्लंघन के मामले सामने आए थे और खबर आई थी कि 3.1 करोड़ ग्राहकों के संवेदनशील डेटा मेसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर बिक्री के लिए रखे गए थे, जिसकी अनुमानित मात्रा 7.24 टेराबाइट्स थी। लीक सूचनाओं में नाम, पता, फोन नंबर, टैक्स का विवरण और यहां तक कि पॉलिसीधारकों के मेडिकल रिकॉर्ड भी शामिल थे।

बीमा नियामक ने कहा है कि वह संबंधित बीमा कंपनी के मामले की नजदीकी से निगरानी कर रहा है और वह उनके प्रबंधन से संपर्क में है। साथ ही वह पॉलिसी धारकों के डेटा और हितों की पूर्ण रूप से रक्षा किए जाने को लेकर नियमित रूप से अद्यतन जानकारी ले रहा है।

नियामक ने कहा कि कंपनी इस तरह के जोखिम को रोकने के लिए हर तरह के कदम उठा रही है। नियामक ने संबंधित बीमा कंपनियों को एक स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करने को कहा है, जिससे कंपनी की आईटी व्यवस्था की समग्र ऑडिट की जा सके। इसका मकसद कमजोरियों को खत्म करना और कामकाज की जटिलता के मुताबिक पर्याप्त आईटी व्यवस्था सुनिश्चित करना है।

बीमा कंपनियों ने साइबर संबंधी घटना के बारे में आईआरडीएआई और सरकार को सूचना दी है और उन्होंने प्रभावित आईटी प्रणाली को अलग करके उसकी घेरेबंदी भी कर दी है। साथ ही जोखिम पैदा करने वालों के खिलाफ कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष आपराधिक शिकायत भी दर्ज करा दी है। जोखिम पैदा करने वालों को रोकने के लिए बीमा कंपनियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को कानूनी नोटिस भी भेजा है, जिसे पॉलिसीधारकों के आंकड़ों की बिक्री को रोका जा सके।

ऑडिट फर्म ने कंपनी की आईटी प्रणाली में कमजोरियों और उनका लाभ उठाकर खतरा पैदा करने वाले व्यक्ति की कार्यप्रणाली रिपोर्ट की है। इस पर बीमा कंपनियों ने कार्रवाई भी की है। ऑडिट फर्म द्वारा सुझाए गए रोकथाम, उन्मूलन और पुनर्प्राप्ति योजना को बीमा कंपनियों द्वारा लागू किया जा रहा है।

ऑडिट फर्म ने रोकथाम के कदमों का एक खासा भी बनाया है, जिसे पॉलिसीधारकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

बीमाकर्ता तत्काल, कम अवधि और मध्यावधि के हिसाब से सिस्टम अपडेट की कार्रवाई करेंगे। एपीआई की कमजोरियों, खामियों का मूल्यांकन और भेद्यता मूल्यांकन एवं पेनेट्रेशन टेस्टिंग (वीएपीटी) के मसले पर सुधार उन्नत चरण में है।

First Published - October 20, 2024 | 9:52 PM IST

संबंधित पोस्ट