बीमा

स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की वृद्धि सुस्त

वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल-जनवरी अवधि के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम 10.44 प्रतिशत बढ़ा है।

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आतिरा वारियर   
Last Updated- March 02, 2025 | 10:21 PM IST

कोविड के वर्ष के दौरान रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की वृद्धि उल्लेखनीय रूप से सुस्त हो गई है। बीमा पॉलिसी खरीदने की क्षमता घटने के कारण खुदरा ग्राहकों की ओर से मांग सुस्त हुई है। साथ ही सरकार समर्थित योजनाओं के प्रीमियम में तेज गिरावट आई है। पिछले साल अक्टूबर माह से विनियामक द्वारा लेखांकन मानदंडों में किए गए परिवर्तन ने भी स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रीमियम वृद्धि पर भारी असर डाला है।

निजी क्षेत्र के एक जनरल इंश्योरेंस के सीईओ ने कहा, ‘स्वास्थ्य बीमा की मांग कम हुई है। कोविड-19 के बाद पिछले 2-3 साल से लोग उल्लेखनीय रूप से स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां खरीद रहे थे। अब हमें लगता है कि वृद्धि सामान्य हो जाएगी क्योंकि पॉलिसी खरीदने की क्षमता और वृदह आर्थिक स्थिति का असर इस क्षेत्र पर पड़ा है। कॉर्पोरेट के मामले में स्वास्थ्य बीमा की दरें कम हैं। स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में वृद्धि नए विचार, नई पॉलिसियों, नवोन्मेष पर निर्भर है।’

जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल-जनवरी अवधि के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम 10.44 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले साल की समान अवधि में सालाना आधार पर 20.79 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।

इसी तरह से वित्त वर्ष 2023 की समान अवधि में स्वास्थ्य सेग्मेंट के प्रीमियम में वृद्धि करीब 23.57 प्रतिशत थी, जबकि अप्रैल-जनवरी 2022 के दौरान वृद्धि दर 25.89 प्रतिशत थी।

निजी क्षेत्र के एक बीमा अधिकारी के मुताबिक कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य बीमा के लिए बढ़ी मांग अब घटनी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा, ‘इसके पहले नए लोग बीमा पॉलिसियां खरीदने आ रहे थे, जिसकी वजह से प्रीमियम में वृद्धि हुई। अब पॉलिसियां खरीदने की क्षमता न होने की वजह से इसकी वृद्धि प्रभावित हुई है। खुदरा स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र के कारण प्रीमियम में वृद्धि हो रही थी। अस्पताल के बढ़े खर्च के कारण प्रीमियम बढ़ा है और इसकी वजह से हम प्रीमियम कम करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।’

खुदरा स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की वृद्धि दर कम हुई है, जो स्वास्थ्य सेग्मेंट में अहम है। वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल-जनवरी के दौरान खुदरा स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में सालाना आधार पर 13.51 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि वित्त वर्ष 2024 में अप्रैल-जनवरी के दौरान 19.04 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। इसी तरह अप्रैल-जनवरी 2024 में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में 15.07 प्रतिशत बढ़ा, जबकि अप्रैल-जनवरी 2022 के दौरान 17.28 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।

पॉलिसी बाजार के बिजनेस हेड, हेल्थ इंश्योरेंस सिद्धार्थ सिंघल ने कहा, ‘कोविड महामारी के बाद के वर्षों की तरह ही खुदरा स्वास्थ्य बीमा की वृद्धि दर बेहतर बनी रही है। टॉप-अप सहित औसत बीमित राशि वित्त वर्ष 2024 में करीब 17 से 18 लाख रुपये रही है, जो महामारी के पहले करीब 6 से 7 लाख रुपये थी। हालांकि परंपरागत पॉलिसियों के मामले में औसत बीमित राशि 4 लाख रुपये से बढ़कर 10 लाख रुपये हो गई है।’

इक्रा में फाइनैंशियल सेक्टर रेटिंग्स के ग्रुप हेड और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनिल गुप्ता ने कहा कि नए लेखा मानकों का असर बीमा सेग्मेंट पर पड़ा है। स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में 15 प्रतिशत पॉलिसियां कई साल की पॉलिसियां हैं, जिन पर असर पड़ा है।

 

First Published : March 2, 2025 | 10:21 PM IST