बैंकों के कारोबार और उनकी गैर बैंकिंग सहायक इकाइयों को जोड़ने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मसौदे का असर एचडीएफसी बैंक, ऐक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और फेडरल बैंक सहित निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों पर पड़ने की संभावना है। जेफरीज के विश्लेषकों ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है।
रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह बैंकों के ‘व्यापार के स्वरूप और निवेश के लिए विवेकपूर्ण विनियमन’ पर मसौदा प्रस्ताव जारी किया था। इसमें कहा गया है कि बैंक समूह के भीतर केवल एक ही इकाई (बैंक और उसकी समूह इकाइयां) स्वीकार्य व्यवसाय का एक विशेष कामकाज कर सकती हैं।
आगे इसमें कहा गया है कि बैंक समूह के भीतर कई इकाइयां एक ही कारोबार नहीं कर सकतीं या एक ही श्रेणी का लाइसेंस/अथरॉइजेशन या पंजीकरण किसी वित्तीय क्षेत्र के नियामक से नहीं ले सकती हैं। जेफरीज की रिपोर्ट के मुताबिक प्रस्तावित मानकों का असर ऐक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और फेडरल बैंक पर पड़ सकता। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिटी एनालिस्ट्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नजर रखने की जरूरत है कि क्या बिजनेस मॉडल में बदलाव या समूह संस्थाओं के ऋण कारोबार के विलय की सिफारिश की गई है।
एक्सिस बैंक की एनबीएफसी सहायक इकाई ऐक्सिस फाइनैंस, आईसीआईसीआई बैंक की आईसीआईसीआई होम फाइनैंस, कोटक महिंद्रा बैंक की कोटक प्राइम और कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट और फेडरल बैंक की फेडबैंक फाइनैंशियल सर्विसेज हैं।
सोमवार को ऐक्सिस बैंक के शेयर 2.31 प्रतिशत गिरकर 1,150.30 रुपये, एचडीएफसी बैंक के शेयर 2.24 प्रतिशत गिरकर 1,619.65 रुपये पर बंद हुए। कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर 0.47 प्रतिशत गिरकर 1,800 रुपये पर बंद हुआ। फेडरल बैंक के शेयर 5 प्रतिशत गिरे।
(स्पष्टीकरणः कोटक परिवार द्वारा नियंत्रित इकाइयों की बिजनेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड में उल्लेखनीय हिस्सेदारी है।)