कई वर्षों से बैंक चाह कर भी अपने ग्राहकों की कर्ज पाने की योग्यता का सही आकलन नहीं कर पा रहे थे। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में चीजें बेहतरी की ओर बदल रही हैं।
ऋणदाता अब सिबिल (क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) की ओर से मुहैया कराए जाने वाले आपके कर्ज के पूरे ब्योरे से लेस है। इस ब्योरे या रिपोर्ट में आपके कर्ज लेने के तरीके (कर्ज और क्रेडिट कार्ड) की पूरी विस्तृत जानकारी दी जाती है। उससे भी अहम चूंकि ये आंकड़े देशभर से इकट्ठा किए जाते हैं, फिर चाहे आपने मेंगलुरु में डिफॉल्टर रह चुके हों या फिर मुंबई में, आप बैंकों के निशाने पर हैं।
और अब अगली बार आप जब कर्ज या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन दे रहे हों, ऋणदाता आपको कर्ज देने से पहले आपके कर्ज का पूरा ब्योरा किबिल से मंगा लेंगे। इस रिपोर्ट में कर्ज को अंक (क्रेडिट स्कोर)दिए जाते हैं जो आपके कर्ज के पुनर्भुगतान के रेकॉर्ड, मौजूदा देनदारियों, कर्ज के लिए पूछ-ताछ, क्रेडिट की अधिकतम सीमा में से कितनी राशि का इस्तेमाल और अन्य पैमानों पर विश्लेषकों की ओर से दिए जाते हैं।
बेशक पहली नजर में दो अलग-अलग मामलें एक जैसे लग सकते हैं, उनका क्रेडिट स्कोर कई कारणों जैसे उम्र, आमदनी, निर्भरों की संख्या और अन्य कारकों से अलग हो सकता है। संक्षेप में कर्ज की रिपोर्ट में आपकी ओर से लिए गए कर्ज की पूरी जानकारी होती है। यह ऋणदाताओं के हाथ में एक अहम हथियार है, क्योंकि सच है कि जोखिम का अनुभव अलग-अलग लेनदार के लिए बदलता रहता है। और इसका निर्धारण लेनदार की कर्ज रिपोर्ट को देख कर किया जा सकता है।
यह एक अहम बदलाव भी है क्योंकि अब बैंकों को किसी भी लेनदार की कर्ज पाने की योग्यता का आकलन करने के लिए अपने निजी अनभुवों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अब उन्हें करना सिर्फ इतना है कि उन्हें किबिल से आपके ब्योरे को मंगवाना है। साथ ही यह बैंकों को जिस स्थिति में वे हैं उसमें रहते हुए बेहतर उपभोक्ताओं में अंतर कर सकने में भी मदद करता है। अभी तक बैंक एक समान ब्याज दरें उपभोक्ताओं को दे रहे थे। अब बेहतर कर्ज रेकॉर्ड वाले उपभोक्ताओं को बैंक के साथ जुड़ने के लिए अन्य पेशकश भी कर सकते हैं।
अच्छे क्रेडिट स्कोर के साथ आप ऋणदाता की पंसदीदा उपभोक्ताओं की फेहरिस्त में एक कदम ऊपर उठ जाते हैं, हो सकता है कि आपको थोड़ी सस्ती ब्याज दरें बैंक की ओर से पेश की जाएं। यह तरीका विदेशों में काफी प्रचलित है, जहां बैंक और वित्तीय संस्थान नीचे दिए गए इन आंकड़ों को लेनदार की कर्ज पाने की योग्यता के लिए इस्तेमाल करते हैं:
क्रेडिट कार्डों की सूची
क्रेडिट कार्डों और अन्य कर्जों के भुगतान का लेखा-जोखा
किरायों और अन्य रोजमर्रा के बिलों के निरंतर भुगतान का लेखा-जोखा
बचत खाते का लेखा-जोखा, जिसमें नकारा गया चेक भी शामिल होता है
मौजूदा कुल देनदारियां
कार्डों पर उपलब्ध कर्ज
मुख्यतौर पर किबिल कर्ज लेनदार की कर्ज पाने की योग्यता के आंकड़े सदस्य बैंकों, वित्तीय संस्थानों और क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता एजेंसियों से ही प्राप्त करता है। इसके आधार, यह उपभोक्ता की सूचना रिपोर्ट तैयार करता है और फिर उसे एक स्कोर देता है, जिससे देनदार कर्ज देने के बारे में अपना निर्णय बनाता है।
इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि भुगतान में देरी या फिर भूलवश किश्त की निरंतर अदायगी न कर पाने या बहुत सारे कर्जों या पूछ-ताछ जैसे कारणों से अपने क्रेडिट स्कोर को कम न करें। क्रेडिट कार्ड आपकी वित्तीय हालत का सूचक है। फिर भी अगर आपको लगता है कि आपको क्रेडिट स्कोर सही नहीं है तो आप बैंक से बातचीत करें, जिसने आपको किबिल के स्कोर के आधार पर आंका है। साथ ही आप किबिल को भी अपनी स्थिति में सुधार करने के लिए सीधे संपर्क कर सकते हैं।