वित्त-बीमा

वित्त वर्ष 23 डिजिटल कर्ज 2.5 गुना बढ़कर 930 अरब रुपये पहुंचा

कम आधार और ज्यादा मांग के कारण डिजिटल उधारी उद्योग को महंगाई के दौर से गुजरना पड़ा

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अभिजित लेले   
Last Updated- June 12, 2023 | 11:16 PM IST

मार्च 2023 में समाप्त हुए (वित्त वर्ष 23) वित्त वर्ष में डिजिटल कर्ज सालाना आधार पर 2.5 गुना बढ़कर 92,848 करोड़ रुपये हो गया। यह जबरदस्त मांग और आर्थिक वृद्धि को उजागर करता है। वित्त वर्ष 22 में डिजिटल कर्ज 35,940 करोड़ रुपये था और यह वित्त वर्ष 21 में 13,461 करोड़ रुपये था।

फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर इम्पॉवरमेंट (FACE) ने बयान में कहा कि कम आधार और ज्यादा मांग के कारण डिजिटल उधारी उद्योग को महंगाई के दौर से गुजरना पड़ा। उधारी दिए गए ऋण मूल्य के मामले में वृ​द्धि कायम रही लेकिन साल की दूसरी तिमाही में इस इस वृ​द्धि में गिरावट आई। एफएसीई की सदस्य कंपनियों की वित्त वर्ष 23 में दिए गए डिजिटल ऋण की संख्या 7.26 करोड़ थी।

वित्त वर्ष 22 में कोविड संबंधित चुनौतियां जबरदस्त ढंग से उपस्थित थीं और इस वर्ष में डिजिटल ऋण की संख्या 3.1 करोड़ थी। लिहाजा वित्त वर्ष 22 की तुलना में वित्त वर्ष 23 में यह संख्या दोगुनी से अधिक थी।

डिजिटल ऋणदाताओं के इस औद्योगिक निकाय के मुताबिक समावेश आर्थिक वृ​द्धि के दौर में व्यापक रूप से उधारी की मांग बढ़ी थी। इस बढ़ी हुई मांग के आंकड़े असुरक्षित ऋण मुहैया कराने वाली डिजिटल उधारी की संभावनाओं और प्रभाव को उजागर करते हैं। वित्त वर्ष 22-23 की पहली छमाही में मांग तेजी से बढ़ी थी। लेकिन तीसरी तिमाही में गिरावट आई लेकिन अंतिम तिमाही में सकारात्मक दायरे में बढ़ी।

First Published : June 12, 2023 | 11:16 PM IST