facebookmetapixel
उच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चारूस से तेल खरीदना बंद करो, नहीं तो 50% टैरिफ भरते रहो: हावर्ड लटनिक की भारत को चेतावनीअर्थशास्त्रियों का अनुमान: GST कटौती से महंगाई घटेगी, RBI कर सकता है दरों में कमीअमेरिकी टैरिफ और विदेशी बिकवाली से रुपये की हालत खराब, रिकॉर्ड लो पर पहुंचा; RBI ने की दखलअंदाजी

FY25 में कॉरपोरेट बॉन्ड में FPI निवेश 11.4% बढ़ा, सेकेंडरी मार्केट में भी ट्रेडिंग में तेजी

भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक यह 2023-24 के 1.08 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 1.21 लाख करोड़ रुपये हो गया।

Last Updated- May 29, 2025 | 11:27 PM IST
FPI Investments

कॉरपोरेट बॉन्डों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का निवेश 2024-25 में 11.4 प्रतिशत बढ़ा। भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक यह 2023-24 के 1.08 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 1.21 लाख करोड़ रुपये हो गया। मगर रिपोर्ट के मुताबिक स्वीकृत निवेश सीमा में से मार्च 2025 के अंत तक केवल 15.8 प्रतिशत का इस्तेमाल हुआ, जो एक साल पहले 16.2 प्रतिशत था। इसका मुख्य कारण एफपीआई के लिए पूर्ण निवेश सीमा बढ़ा दिया जाना है।

साल के दौरान 9.9 लाख करोड़ रुपये के प्राथमिक कॉरपोरेट बॉन्ड जारी किए गए, जो 2023-24 के 8.6 लाख करोड़ रुपये से 16.1 प्रतिशत अधिक हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आउटस्टैंडिंग कॉरपोरेट बॉन्ड (दिसंबर के अंत तक) भी 13.3 प्रतिशत बढ़कर 51.6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गए, जो पिछले वर्ष 45.5 लाख करोड़ रुपये रुपये थे।

वित्त वर्ष के दौरान देसी स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कॉरपोरेट बॉन्ड के प्राथमिक निर्गमों में वृद्धि हुई और विदेशी बाजारों के माध्यम से जुटाए गए धन में भी वृद्धि हुई है। निर्गम के मामले में प्राइवेट प्लेसमेंट को तरजीह मिलती रही। देसी बॉन्ड बाजार में जुटाई गई कुल रकम में 99.2 प्रतिशत इसी के जरिये आई।

रिपोर्ट में खास तौर पर बताया गया कि 2024-25 में द्वितीयक बाजार में औसत दैनिक कारोबार 7,645 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इसके पहले के वित्त वर्ष में 5,722 करोड़ रुपये ही था। सरकारी बॉन्डों की यील्ड की तरह कॉरपोरेट बॉन्ड की यील्ड भी वित्त वर्ष 2024-25 में कम हो गई।

मार्च 2024 की तुलना में मार्च 2025 में सार्वजनिक उपक्रमों, वित्तीय संस्थानों और बैंकों के एएए रेटिंग वाले 3 साल के बॉन्ड की यील्ड 15 आधार अंक घट गई। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की यील्ड 28 आधार अंक और कंपनियों के बॉन्ड की यील्ड 33 आधार अंक घटी है।

First Published - May 29, 2025 | 11:06 PM IST

संबंधित पोस्ट