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PFRDA प्रमुख बोले: बॉन्ड बाजार लंबी अवधि और कम रेटिंग वाले कर्ज से कतराता है, इससे फंडिंग पर संकट

पीएफआरडीए प्रमुख रमण ने कहा कि बॉन्ड बाजार लंबी अवधि और कम रेटिंग वाले कर्ज से बच रहा है, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर निर्भर हैं

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- September 18, 2025 | 10:26 PM IST

पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरपर्सन शिवसुब्रमण्यन रमण ने गुरुवार को कहा कि कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार एए माइनस और उससे ऊपर के बॉन्ड की ओर झुका हुआ है, जिनकी अवधि पांच साल से कम है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से बुनियादी ढांचा कंपनियों को धन के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर निर्भर रहना पड़ता है।

रमण मे कहा कि राजनीतिक, नियामक और कार्यान्वयन संबंधी जोखिम लंबी अवधि के निवेश को रोकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कई इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को बीबीबी या उससे नीचे की रेटिंग दी गई है, जिससे संस्थागत निवेशकों तक उनकी पहुंच सीमित हो गई है। उन्होंने कहा कि परियोजना को लेकर अपर्याप्त तैयारी, कमजोर रिस्क शेयरिंग ढांचे और राजस्व सीमि नजर आने के कारण बैंकबिलिटी के मुद्दे बने हुए हैं।

नैशनल बैंक फॉर फाइनैंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉन्क्लेव 2025 में बोलते हुए रमण ने कहा, ‘राजनीतिक से जुड़े नियामक और कार्यान्वयन संबंधी जोखिम लंबी अवधि की प्रतिबद्धताओं को हतोत्साहित करते हैं। बुनियादी ढांचे संबंधी संभावनाओं के विस्तार के लिए नए नियामक और वित्तपोषण ढांचे की जरूरत होगी। पारंपरिक मॉडल ऐसे उभरते क्षेत्रों के राजस्व के जोखिम या लंबी अवधि की देनदारियों का आकलन करने के लिए पूरी तरह से अनुकूल नहीं हैं।’

उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन परियोजनाओं के व्यापक पोर्टफोलियो के कारण ज्यादातर बुनियादी ढांचा फर्में  ज्यादा लीवरेज रखती हैं, इसकी वजह से नकदी की आवक नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर बुनियादी ढांचा कंपनियों का उच्च लीवरेज है और उनके पास निर्माणाधीन बुनियादी ढांचे का उल्लेखनीय पोर्टफोलियो है। ऐसे में उनकी क्रेडिट रेटिंग उच्च नहीं है।

First Published : September 18, 2025 | 10:26 PM IST