घाटा कम करने के लिए भारी बिकवाली के कारण मंगलवार को सरकार के बॉन्ड यील्ड में 5 आधार अंक की बढ़ोतरी हुई। डीलरों का कहना है कि म्युचुअल फंडों ने सबसे ज्यादा बिकवाली की है। वहीं राज्य विकास ऋण (एसडीएल) की उम्मीद से अधिक कटऑफ यील्ड के कारण भी असर पड़ा है।सरकार के 10 साल के बेंचमार्क बॉन्ड का यील्ड 6.49 प्रतिशत पर बंद हुआ, जो 3 अप्रैल के बाद सर्वाधिक है। इसके पहले 6.44 प्रतिशत पर बंद हुआ था। खुदरा महंगाई दर पिछले महीने में 8 साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बावजूद मंगलवार को बॉन्ड बाजार में बिकवाली जारी रही। 10 साल के बेंचमार्क सरकारी बॉन्ड का यील्ड सोमवार को 3 आधार अंक बढ़ा था।
ट्रेडर्स ने कहा कि महंगाई से राहत कम अवधि की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई में तेज बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है। इससे दर में अतिरिक्त कटौती की संभावनाएं कम हो गई हैं। रिजर्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2026 की चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई दर 4.4 प्रतिशत और वित्त वर्ष2027 की पहली तिमाही में 4.9 प्रतिशत रहेगी। बाजार सहभागियों ने कहा कि मंगलवार को स्टॉप-लॉस के कारण भारी बिकवाली हुई, जिसका नेतृत्व संभवतः म्युचुअल फंडों ने किया, जबकि राज्य विकास ऋण (एसडीएल) साप्ताहिक नीलामी में अपेक्षा से अधिक कट-ऑफ यील्ड ने भी बाजार को प्रभावित किया है।
पीएनबी गिल्ट्स के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष विजय शर्मा ने कहा, ‘बाजार ने मौद्रिक नीति समिति के रुख को एक आक्रामक ठहराव के रूप में देखा, जबकि उम्मीद थी कि या तो नरम ठहराव होगा या फिर आक्रामक कटौती होगी। इससे आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद खत्म हो गई। हर हफ्ते बाजार में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के केंद्रीय और राज्य सरकार के बॉन्ड आ रहे हैं, और निवेश और ट्रेडिंग खातों पर पहले से ही दबाव है।’