वित्त-बीमा

दिसंबर तिमाही में 60,000 करोड़ रुपये से ज्यादा लोन बेच सकते हैं बैंक और वित्तीय संस्थान

उधारी बढ़ने और नियामकीय जरूरतों के चलते पीटीसी और डायरेक्ट असाइनमेंट के माध्यम से सुरक्षित ऋण की बढ़ी मांग

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अभिजित लेले   
Last Updated- December 12, 2024 | 10:38 PM IST

बैंक और वित्तीय कंपनियां नकदी की चुनौती के कारण दिसंबर 2024 में समाप्त वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 60,000 करोड़ रुपये के लोन के प्रतिभूतिकरण का रास्ता अपना सकती हैं। यह ऋण ‘पास थ्रू सर्टिफिकेट (पीटीसी) और ‘डायरेक्ट असाइनमेंट (डीए)’ के जरिये बेचे जाएंगे। इसके अलावा उधारी की बढ़ती मात्रा के कारण नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋण की मांग भी बढ़ रही है।

पीटीसी प्रतिभूतिकरण लेनदेन के अंतर्गत ऋण को विपणन योग्य प्रतिभूतियों के रूप में पेश किया जाता है और इसे निवेशकों को बेचा जाता है। इसी तरह, डायरेक्ट असाइनमेंट (डीए) में कोई वित्तीय संस्थान किसी ऋण के समूह को अन्य वित्तीय संस्थान को बिना प्रतिभूतियों में बदले बेचता है।

असुरक्षित ऋण की तुलना में सुरक्षित परिसंपत्तियों की मांग ज्यादा है। सुरक्षित परिसंपत्तियों में आवास और वाहन ऋण जैसे मॉर्टगेज आते हैं। असुरक्षित ऋण के तहत सूक्ष्म वित्त, व्यक्तिगत और कारोबारी ऋण आता है। बैंकरों और विश्लेषकों के अनुसार परिसंपत्ति गुणवत्ता के दबाव के कारण निवेशक असुरक्षित परिसंपत्तियों को स्वीकारने में अधिक सतर्क व चयनात्मक हो गए हैं।

इक्रा के स्ट्रक्चर्ड फाइनैंस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट व ग्रुप हेड अभिषेक डफरिया ने कहा कि उद्योग का आकार इस तिमाही (वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही) में 60,000 से 70,000 करोड़ रुपये के बीच रहने की उम्मीद है। हालांकि, माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र और असुरक्षित ऋण खंड में दबाव का कुछ असर हो सकता है।

दूसरी तिमाही में आकार 45,000 करोड़ से 50,000 करो़ड़ रुपये होने की उम्मीद थी लेकिन वास्तविक रूप से यह आंकड़ा 70,000 करोड़ रुपये रहा। डफरिया ने कहा कि इसकी वजह यह है कि बड़े निजी बैंकों द्वारा पीटीसी और प्रत्यक्ष असाइनमेंट के माध्यम से लगभग 20,000 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया।

एक बड़े निजी ऋणदाता और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) ने बीते सप्ताहों के दौरान दो बड़े लेनदेन किए थे। इससे यह फिर इसी स्तर के करीब होने की उम्मीद बंधी है। इंडिया रेटिंग्स के आंकड़ों के अनुसार देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक ने नई कारों के ऋण के प्रतिभूतिकरण के लिए करीब 12,700 करोड़ रुपये के पास थ्रू सर्टिफिकेट (पीटीसी) जारी किए थे। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बताया कि दक्षिण की एनबीएफसी चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट ऐंड फाइनैंस ने पीटीसी के माध्यम से 964 करोड़ रुपये के वाहन ऋण का प्रतिभूतिकरण किया।

First Published : December 12, 2024 | 10:38 PM IST