Categories: बैंक

विकास की रफ्तार में कोई गिरावट नहीं आएगी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 3:04 PM IST

बैंकर होना एक चुनौती भरा काम है, खासकर इस समय जब महंगाई अपनी चरम सीमा पर है।


लेकिन एम डी माल्या जिन्होंने हाल में ही बैंक ऑफ बड़ौदा केअध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का कार्यभार ग्रहण किया है,  इस साल के शुरू में तय किए गए लक्ष्य को पूरा कर पाने के प्रति उनका रवैया सकारात्क है। प्रस्तुत है अभिजीत लेले और शिल्पी सिन्हा से उनकी बातचीत के अंश:

बाजार की मौजूदा हालत में आप किस तरह की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं?

वित्तीय कदम और रिजर्व बैंक द्वारा उठाए जा रहे मौद्रिक उपायों से खर्च में जबरदस्त तरीके से बढ़ोतरी होगी क्योंकि कर्ज दिए जाने वाले फंड पर मिलने वाले ब्याज में कमी आ रही है। कुल मिलाकर खर्चे में बढ़ोतरी हो रही है और रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में इजाफा किए जाने से संसाधनों पर अतिरिक्त  भार आएगा। लागत में बढ़ोतरी होने से इसका बोझ ग्राहकों पर पड़ेगा और नेट इंटरेस्ट मार्जिन 2.93 प्रतिशत केआसपास बना रहेगा।

बाजार में छाई मंदी को देखते हुए विकास की क्या संभावनाएं हैं?

हमें इस इस समय तक 25 प्रतिशत की वृध्दि की आशा है। इस पूरे साल टॉपलाइन ग्रोथ के 20-22 प्रतिशत केबीच रहने की संभावना है और जहां तक मेरा मानना है तो मुझे नहीं लगता कि ग्रोथ में कोई करेक्शन होने जा रहा है।

आपको ग्रोथ बरकरार रहने का इतना भरोसा कैसे है?

इसके लिए हमने कुछ पहल की है। मसलन हमने कोर बैंकिंग सॉल्यूशन की शुरुआत की है जिससे डिपॉजिट जुटाने में आसानी होनी चाहिए। इसके अलावा मार्केटिंग फाइनेंस प्रोडक्ट के लिए नई टीमों का गठन किया है। पिछले साल बैंक ने 125 शाखाएं खोली हैं। इस साल सितम्बर तक 91 और नई शाखाएं खोली जाएंगी।

क्या विस्तार की गति ग्रोथ को बनाए रखने के लिए काफी होगा?

इस साल की पहली तिमाही में हमने चालू और बचत खाते और रिटेल टर्म डिपॉजिट से आनेवाली जमा राशि में विकास दर्ज किया है। इस समय जबकि ब्याज दरें काफी अधिक हैं और फिर भी चालू और बचत खाते में बढ़ोतरी हमारे लिए उत्साह का संचार करने वाली है। चालू वित्त वर्ष में हम बल्क डिपॉजिट्स पर से अपनी निर्भरता कम करने का प्रयास करेंगे और रिटेल टर्म डिपॉजिट्स बढ़ाने की पूरी कोशिश करेंगे। इन उपायों से डिपॉजिट पर आनेवाली लागत को कम करने में मदद मिलेगी।

कार्पोरेट जगत को दिए जाने वाले कर्ज में क्या कोई कमी आई है?

नहीं, कॉर्पोरेट जगत को मिलने वाले कर्ज में कोई कमी नहीं आई है। विनिर्माण और सेवाओं में कोई कमी नहीं आई है और कंज्यूमर लोन और हाउसिंग सेक्टर में कुछ धीमापन जरूर आया है। फिलहाल दो साल पहले की तरह वैसी मांग तो नहीं है जब कर्ज में बढ़ोतरी लगभग 30 प्रतिशत केआसपास थी। जहां तक कुल के्रडिट गोथ की मांग है उसमें कमी आने की संभावना नहीं है।

First Published : August 5, 2008 | 10:21 PM IST