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भंवर में फंसे बैंक को सहारा

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 5:08 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) में पुणे के श्री स्वर्ण सहकारी बैंक के विलय को मंजूरी दे दी है।


बैंक सूत्रों का कहना है कि इस प्रस्ताव के तहत आईओबी 37 साल पुराने सहकारी बैंक की 722 करोड़ रुपये की जमा राशि और अन्य राजस्व पर काबिज हो जाएगा। इस सहकारी बैंक का कुल घाटा 350 करोड़ रुपये का है।

आरबीआई ने इस बैंक का ऋण स्थगन प्रस्ताव बैंक की खराब माली स्थिति को देखते हुए सिंतबर 2006 को कर दिया था। आरबीआई का कहना है कि सहकारी बैंक दिए गए कर्जो की उगाही करने और रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों का पालन करने में सफल नहीं हो पा रहा था।

इसलिए सहकारी बैंक के सामने विलय की स्थिति उत्पन्न हुई है। गौरतलब है कि श्री स्वर्ण सहकारी बैंक की कुल बारह शाखाएं हैं। इनमें से नौ पुणे में , दो मुंबई में और एक श्रीपुर में है। बैंक में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या लगभग 100 है।

आईओबी के बोर्ड ने भी सहकारी बैंक के प्रस्ताव को आरबीआई द्वारा मंजूरी मिलने के पहले ही स्वीकृत कर लिया था।

सहकारी बैंक के विलय का प्रस्ताव आरबीआई के सामने कुछ महीने पहले ही रखा गया था। मंजूरी मिलने में देरी के पीछे महाराष्ट्र सरकार के कंपनियों के रजिस्ट्रार (आरओसी) का ऑडिट था।

First Published : November 25, 2008 | 11:42 PM IST