भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने चालू वित्त वर्ष के दौरान दीर्घावधि बॉन्ड के जरिये 20,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बनाई है। बैंक इस रकम का उपयोग बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सस्ते मकानों के लिए उधारी देने में करेगा।
एसबीआई (SBI) ने स्टॉक एक्सचेंजों को दी जानकारी में कहा कि आज हुई बैठक में उसके केंद्रीय बोर्ड ने वित्त वर्ष 2025 के दौरान सार्वजनिक पेशकश अथवा निजी नियोजन के जरिये 20,000 करोड़ रुपये तक के दीर्घावधि बॉन्ड जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड बाजार की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए कई चरणों में जारी किए जाएंगे। बैंक चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक पेशकश अथवा डॉलर या किसी अन्य प्रमुख विदेशी मुद्रा में सीनियर अनसिक्योर्ड नोट्स के निजी नियोजन के जरिये अंतरराष्ट्रीय बाजार से करीब 3 अरब डॉलर जुटाने की घोषणा पहले ही कर चुका है।
इससे पहले एसबीआई (SBI) द्वारा जारी इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड को देसी रेटिंग एजेंसियों ने स्थिर संभावना के साथ एएए क्रेडिट रेटिंग दी थी।
इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिये जुटाई गई रकम के लिए सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) अथवा नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) जैसी नियामकीय जरूरतों से छूट दी जाती है। इसके जरिये जुटाई गई पूरी रकम को ऋण कारोबार में लगाया जा सकता है। अगर बैंक उतनी ही रकम जमा के जरिये जुटाता है तो उसे सीआरआर के तौर पर 4.5 फीसदी रकम रिजर्व बैंक के पास रखनी पड़ेगी।
इसके अलावा उसे एसएलआर को बनाए रखने के लिए करीब 18 फसदी रकम प्रतिभूतियों में निवेश करनी पड़ती है। एसबीआई का बुनियादी ढांचा ऋण मार्च 2024 के अंत में एक साल पहले के मुकाबले 5.72 फीसदी बढ़कर 3.94 लाख करोड़ रुपये हो गया।
इसके अलावा बैंक का प्रमुख निवेश बिजली क्षेत्र (2.04 लाख करोड़ रुपये), बंदरगाह एवं सड़क क्षेत्र (1.12 लाख करोड़ रुपये) और दूरसंचार क्षेत्र (30,376 करोड़ रुपये) में हैं।