प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के शुद्ध मुनाफे में 48 प्रतिशत की कमी आई है। नई दिल्ली के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक का मुनाफा इस दौरान घटकर 1,675 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 3,252 करोड़ रुपये था।
यह गिरावट मुख्य रूप से कर में तेज बढ़ोतरी के कारण आई है, जो एक साल पहले के 2,017 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 5,083 करोड़ रुपये हो गया है। इस दौरान बैंक की कुल आमदनी 15.7 प्रतिशत बढ़कर 37,231 करोड़ रुपये हो गई है और परिचालन लाभ 7,081 करोड़ रुपये बढ़ा है, वहीं बढ़े कर का बहुत ज्यादा असर पड़ा है और शुद्ध मुनाफा कम हुआ है।
पंजाब नैशनल बैंक के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक अशोक चंद्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘शुद्ध मुनाफे में गिरावट की मुख्य वजह पुरानी कर व्यवस्था से नई कर व्यवस्था में जाना है। नई कर व्यवस्था अपनाने का मुख्य लाभ यह है कि पुरानी और नई कर संरचनाओं के बीच लगभग 10 प्रतिशत का उल्लेखनीय अंतर आ गया है। परिचालन लाभ 7,000 करोड़ रुपये होने के साथ हम उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही से करीब 700 करोड़ रुपये की बचत होगी। इससे हमारा मुनाफा बढ़ेगा। इसलिए यह एकदम सही वक्त था कि हम नई कर व्यवस्था अपना लें।’
सकल गैर निष्पादित संपत्ति (जीएनपीए) अनुपात सालाना आधार पर 120 आधार अंक सुधरकर वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 3.78 प्रतिशत हो गया है, जो वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 4.98 प्रतिशत था। शुद्ध गैर निष्पादित संपत्ति (एनएनपीए) अनुपात सालाना आधार पर 22 आधार अंक सुधरकर जून 2025 में 0.38 प्रतिशत हो गया है, जो जून 2024 में 0.60 प्रतिशत था।
पीएनबी ने बेसल-3 मानकों के तहत सीईटी-1 12.95 प्रतिशत के साथ 17.50 प्रतिशत पूंजी पर्याप्तता बरकरार रखी है। सरकारी बैंक का कासा (चालू खाता बचत खाता) जमा बढ़कर 5,68,638 करोड़ रुपये हो गया है, जिसमें सालाना आधार पर 3.6 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में बैंक में कासा की हिस्सेदारी 36.99 प्रतिशत थी।