भारत के बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (IRDAI) के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने मंगलवार को बैंकों के बीमा वितरण की ‘खामियों’ के प्रति आगाह किया।
उन्होंने कहा कि बीमा वितरण ने बैंक और बीमा (बैंका) चैनल में अपनी जगह बना ली है लेकिन ग्राहकों का भरोसा कायम रखने की जरूरत है।
पांडा ने कहा कि बैंक अपने मुख्य कार्य को नजरंदाज नहीं करें और वे केवल बीमा उत्पाद बेचने पर ध्यान केंद्रित करें। पांडा के आगाह करने से एक दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के बीमा उत्पाद बेचने पर चिंताएं उजागर की थीं।
11वें एसबीआई बैंकिंग ऐंड इकनॉमिक कॉन्क्लेव 2024 में पांडा ने कहा, ‘बैंकों का चैनल बेहद महत्त्वपूर्ण है लेकिन अब प्रणाली में बहुत सी खामियां आ गई हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मेरे विचार से हम सभी को एकसाथ बैठने की जरूरत है। विश्वास स्थापित करें। बैंक को वितरण मॉडल होना चाहिए जिसकी लागत कम है। आपको ग्राहकों के पीछे भागने की जरूरत नहीं है। आपको ग्राहकों को विकल्प देना है। कोई गलत बिक्री नहीं, कोई जबरदस्ती बिक्री नहीं। बीमा सुगम से भी सुविधाएं मिलेंगी।’
‘बैंकाश्योरेंस’ बैंकों की शाखाओं के जरिये बीमा उत्पाद बेचने के लिए बैंकों और इंश्योरेंस कंपनी में साझेदारी है।
नियामक ने अक्टूबर 2023 में हालिया ‘बैंकाश्योरेंस’ ढांचे की समीक्षा के लिए कार्यबल गठित किया ताकि बीमा पॉलिसियों की गलत बिक्री या जबरदस्ती बिक्री की शिकायतों के दौर में दक्षता सुधारी जा सके। इससे पहले मार्च 2024 में वित्त सचिव ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात की थी और उनसे बीमा उत्पादों की अनुचित बिक्री पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया था।