भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा महंगाई को रोकने के लिए रेपो रेट और कैस रिजर्व रेशियो में की गई वृध्दि का असर बैंकों के परिणामों पर साफ दिखाई देने लगा है।
एचडीएफसी बैंक द्वारा जारी तिमाही परिणाम भी निवेशकों की आशाओं के अनुरुप नहीं रहे और उसके शुध्द लाभ में अनुमान से कम बढ़ोतरी हुई। देश के बड़े लेंडर बैंकों में से एक एचडीएफसी बैंक के पहली तिमाही केशुध्द लाभ में पिछली साल की तुलना में 25.56 फीसदी की बढाेतरी हुई है।
बैंक को इस तिमाही में 468.11 करोड़ का शुध्द लाभ प्राप्त हुआ है। जबकि पिछले साल पहली तिमाही में बैंक ने 372.81 करोड़ का शुध्द लाभ अर्जित किया था। बैंक की कुल आय में भी पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में बढ़त देखी गई और बैंक की कुल आय 2,318.62 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई। जबकि वित्त्तीय वर्ष 2007-08 की पहली तिमाही में बैंक की कुल आय 1,830.3 करोड़ रुपए थी।
बैंक ने इस वित्त्तीय वर्ष की पहली तिमाही में पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में ज्यादा लोन भी जारी किए। जहां पिछले साल बैंक 5,645 करोड़ के लोन जारी किए थे वहीं इस साल की पहली तिमाही में बैंक ने कुल 7,204 करोड़ के लोन जारी किए। बैंक का सैक्सन भी पहली तिमाही में 7,713 करोड से बढ़कर 9,996 करोड़ हो गया।
बैंक के परिणामों को आशाजनक न रहने की वजह से बैंक के शेयरों को भी निवेशकों की बेरुखी देखनी पड़ी और बैंक के शेयरों की कीमत 5.57 फीसदी गिरकर 1700 रु प्रति शेयर पर आ गई। इसके अलावा बैंक के निदेशक एस वेंकटाईरामनन के इस्तीफे को भी स्वीकार कर लिया गया है जो 17 जुलाई से प्रभावी होगा।