वैश्विक वित्तीय संकट की वजह से दिवालिया होने के कगार पर खड़े अमेरिका के दूसरे सबसे बड़े बैंक सिटी ग्रुप को उबारने के लिए आखिरकार सरकार को आगे आना पड़ा।
अमेरिकी वित्त विभाग ने संकट में फंसे सिटी ग्रुप की मदद के लिए 40 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की घोषणा की है। इसके साथ ही वित्त विभाग और फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस निगम बैंक के 306 अरब डॉलर के ऋण नुकसान पर बैंक को सुरक्षा उपलब्ध कराएंगे।
यह अब तक अमेरिकी सरकार की ओर से किसी बैंक को दी गई सबसे बड़ी सहायता राशि होगी। बैंक को फेडरल रिजर्व की ओर से आसान ऋण भी उपलब्ध कराए जाएंगे। नवीनतम पैकेज के तहत सरकार को सिटीग्रुप के शेयर प्राप्त होंगे। इससे पहले सिटीग्रुप को पिछले महीने 25 अरब डॉलर का पैकेज देने की घोषणा की गई थी।
वित्त विभाग ने रविवार देर रात इस बात की घोषणा की कि वह आर्थिक संकट में फंसे सिटी ग्रुप के शेयरों को खरीदने को प्राथमिकता देगा। उल्लेखनीय है कि आर्थिक संकट की वजह से अमेरिका के कई बैंक और वित्तीय संस्थान दिवालिया हो चुके हैं। और अब सिटी ग्रुप को बचाने की कवायद चल रही है।
इसके लिए बैंक सरकार से सहायता की उम्मीद लगाए था, वहीं वह अपनी परिसंपत्तियों को भी बेचने की योजना बना रहा था। सूत्रों का कहना है कि सिटी ग्रुप ने सरकार के इस बेलआउट पैकेज को स्वीकार कर लिया है।
नवीनतम पैकेज के तहत अमेरिकी ट्रेजरी विभाग सिटीग्रुप के 20 अरब डॉलर मूल्य के तरजीही शेयरों को खरीदेगा। यह खरीद उन शेयरों के अलावा है, जिन्हें अक्टूबर में 25 अरब डॉलर मूल्य में खरीदा गया था।
पैकेज में इस बात का भी जिक्र है कि सिटी ग्रुप अपने शेयरों के लाभांश में कुछ कटौती करेगा। इसके तहत सिटी ग्रुप अगले तीन सालों तक अपने प्रति शेयरों पर हर तिमाही एक सेंट से ज्यादा लाभांश नहीं दे सकता।
वर्तमान में हर तिमाही शेयरधारकों को प्रति शेयर 16 सेंट का लाभांश दिया जा रहा है। बाजार में यह चर्चा भी है कि सिटीग्रुप के भारतीय मूल के मुख्य कार्याधिकारी विक्रम पंडित को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
बीस अरब डालर मूल्य के शेयरों की खरीद के अलावा, सिटी को परिसंपत्ति गारंटी के तहत 16 अरब डॉलर पूंजी मिलेगी और अन्य 3.5 अरब डॉलर तरजीही शेयर शुल्क के तौर पर मिलेगा।
सिटीग्रुप ने अमेरिकी ट्रेजरी, फेडरल रिजर्व बोर्ड और फेडरल डिपाजिट इंश्योरेंस कार्प के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत उसके पूंजी अनुपात को मजबूत करने और तरलता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे।
इसके अलावा, यूएई की सरकार ने भी अपने यहां सिटी बैंक की सभी शाखाओं में जमा राशि की गारंटी दी है। सिटी ग्रुप को सरकार की ओर यह मदद उस समय मिली है, जब बैंक के शेयरों की कीमत में करीब 60 फीसदी की गिरावट आ चुकी है और बैंक के पास पूंजी की भी किल्लत हो गई है।
उल्लेखनीय है कि सिटी ग्रुप की अमेरिका सहित दुनिया के 100 देशों में शाखाएं हैं। लेकिन मॉर्गेज संकट के कारण बैंक को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। जिससे दुनियाभर में उसने भारी पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की है।
कितने की है सरकारी मदद
40 अरब डॉलर का राहत पैकेज
इसके तहत अमेरिकी ट्रेजरी विभाग सिटीग्रुप के 20 अरब डॉलर मूल्य के तरजीही शेयरों को खरीदेगा। यह खरीद उन शेयरों के अलावा है, जिन्हें अक्टूबर में 25 अरब डॉलर में खरीदा गया था।
परिसंपत्ति गारंटी के तहत 16 अरब डॉलर मिलेंगे जबकि बाकी की लगभग 4 अरब डॉलर की राहत रकम तरजीही शेयर शुल्क के तौर पर बैंक को मिलेगी।
इसके अलावा, सिटीग्रुप की संकट में फंसी 306 अरब डॉलर मूल्य की निवल आस्तियों को सरकारी गारंटी भी मिलेगी
फेडरल रिजर्व की ओर से बैंक को ऋण भी मुहैया कराया जाएगा
बदले में क्या करना होगा बैंक को
अगले तीन सालों तक हर शेयर पर तिमाही एक सेंट ही लाभांश देना होगा, जो कि फिलहाल 16 सेंट है