ऋण की मजबूत मांग और सावधि जमा की बढ़ती प्राथमिकता के कारण पिछले एक साल के दौरान निजी क्षेत्र के बैंकों के चालू खाता-बचत खाता (कासा-CASA) अनुपात सरकारी क्षेत्र के बैंकों की तुलना में काफी अधिक गिरा है।
केयरएज रेटिंग्स के आंकड़ों के अनुसार, निजी बैंकों की कुल जमा में कासा जमा 31 दिसंबर, 2023 तक कम होकर 39.9 फीसदी रह गई, जो साल 2022 के 31 दिसंबर तक 44.5 फीसदी थी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में यह 42 फीसदी से गिरकर 40.5 फीसदी पर पहुंच गई।
इस अवधि के दौरान भारतीय बैंकिंग तंत्र का कासा अनुपात 42.8 फीसदी से घटकर 40.1 फीसदी हो गया।
केयरएज के वरिष्ठ निदेशक संजय अग्रवाल ने कहा, ‘जमा में समग्र वृद्धि मूल रूप से सावधि जमा में वृद्धि होने के कारण थी, जिसमें उच्च दर मिलती थी। मगर, पूरे बैंकिंग उद्योग में कासा की वृद्धि सुस्त बनी रही।