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ग्राहक मस्त पर बैंक पस्त

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 9:25 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश पर 1 अप्रैल से एटीएम इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को सहूलियत मिलने वाली है।
किसी भी बैंक के ग्राहक अब किसी भी बैंक के एटीएम से पैसे निकाल सकेंगे। इससे ग्राहक तो खुश हैं, बड़े बैंकों की बांछें खिली हैं, लेकिन छोटे बैंकों की नींद हराम हो गई है।
नामी गिरामी बैंक जैसे भारतीय स्टेट बैंक , आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और ऐक्सिस बैंक को इस पहल से साफ फायदा होता दिख रहा है।
दरअसल इन बैंकों के पास एटीएम का विशाल नेटवर्क है, जिसकी वजह से इन्हें अतिरिक्त कमाई करने में मदद मिलेगी। गणित साफ है, उनके एटीएम ज्यादा हैं, इसलिए उनका इस्तेमाल भी ज्यादा से ज्यादा ग्राहक करेंगे।
लेकिन छोटे बैंक इस बदलाव से खतरा सा महसूस कर रहे हैं। छोटे बैंक आमतौर पर अपने ग्राहकों को बिना ट्रांजैक्शन शुल्क लिए किसी भी बैंक के एटीएम के इस्तेमाल करने की सुविधा देते हैं। उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं छह महीने बाद ये बड़े बैंक कोई इंटरचेंज शुल्क न लगा दें।
शहरी क्षेत्र में एक एटीएम लगाने में 7 से 8 लाख रुपये की लागत आती है और उसके परिचालन पर महीने में 50,000 से 60,000 रुपये का खर्च आता है। यह बैंक की शाखा के परिचालन पर आने वाले खर्च के मुकाबले काफी कम है। इसीलिए बैंक एटीएम का दायरा बढ़ाने को लेकर उत्साहित भी हैं।
ऐक्सिस बैंक में वैकल्पिक सुविधाओं के उपाध्यक्ष एस्पी इंजीनियर कहते हैं, ‘हमें उम्मीद है कि इस कवायद के बाद हमारा दूसरे बैंकों के ग्राहकों से लेनदेन में 10 से 15 फीसदी का इजाफा होगा।’
अभी तक बैंक किसी दूसरे बैंक के ग्राहकों को एटीएम सुविधा के इस्तेमाल के बदले में एक निश्चित ट्रांजैक्शन शुल्क वसूलते रहे हैं। कुछ छोटे और विदेशी बैंक अपने ग्राहकों को बिना ट्रांजैक्शन शुल्क के किसी भी बैंक का एटीएम इस्तेमाल करने की सुविधा मुहैया करा रहे हैं।
एक अप्रैल से एटीएम इस्तेमाल पर ट्रांजैक्शन टैक्स हो जाएगा खत्म
ज्यादा एटीएम वाले बड़े बैंकों को फायदा होने के पूरे आसार
कम एटीएम वाले छोटे बैंकों को लग रहा डर

First Published : March 26, 2009 | 1:04 PM IST