एक दशक पहले अस्तित्व में आए तेलंगाना को अनुमला रेवंत रेड्डी के रूप में दूसरा मुख्यमंत्री मिला है। राज्य में मल्लू भट्टी विक्रमार्क के रूप में पहला दलित उपमुख्यमंत्री भी बना है। शपथ लेने के बाद 54 वर्षीय मुख्यमंत्री का पहला फैसला कांग्रेस की छह चुनावी घोषणाओं पर अमल की प्रक्रिया शुरू करना रहा, जबकि एक दिव्यांग महिला को नौकरी का ऐलान उनका दूसरा निर्णय रहा।
राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम में रेवंत रेड्डी और मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। रेवंत रेड्डी के अलावा, मल्लू बी. विक्रमार्क (उपमुख्यमंत्री) ने भी शपथ ली। विकराबाद से विधायक गड्डम प्रसाद कुमार नई विधानसभा में स्पीकर होंगे।
जिन अन्य दस मंत्रियों को शपथ दिलाई गई, उनमें एन. उत्तम कुमार रेड्डी, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, सी. दामोदर राजनरसिम्हा, डी. श्रीधर बाबू, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पोन्नम प्रभाकर, कोंडा सुरेखा, डी. अनसूया (सीथक्का के नाम से मशहूर), तुम्मला नागेश्वर राव और जुपल्ली कृष्णा राव शामिल थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत पार्टी नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद रेवंत रेड्डी ने दो फाइल पर हस्ताक्षर किए। उनमें से एक कांग्रेस की छह चुनावी ‘गारंटी’ के कार्यान्वयन से संबंधित है और दूसरी फाइल रेवंत रेड्डी द्वारा अतीत में किए गए वादे के अनुसार एक दिव्यांग महिला को नौकरी प्रदान करने से जुड़ी है। रेड्डी ने यह भी आश्वासन दिया कि वह पिछले 10 वर्षों में कड़ी मेहनत करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं का ध्यान रखेंगे।
(साथ में भाषा)