Congress' Indore candidate Akshay Bam withdraws nomination, joins BJP
Lok Sabha Elections 2024: पिछले 35 साल से इंदौर लोकसभा सीट पर जीत की बाट जोह रही कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए सोमवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना पर्चा वापस ले लिया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है और जल्द ही पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल हो सकते हैं। चश्मदीदों ने बताया कि बम सोमवार को स्थानीय भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और अपना पर्चा वापस लिया। लौटते वक्त वह पत्रकारों के सवालों को अनसुना करते हुए मेंदोला के साथ गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए। जिलाधिकारी आशीष सिंह ने बम के नामांकन वापस लेने की पुष्टि की।
उन्होंने संवाददाताओं को बताया, ‘‘कांग्रेस उम्मीदवार बम समेत तीन उम्मीदवारों ने आज तय प्रक्रिया के तहत अपना नामांकन वापस लिया। इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है।’’
इंदौर सीट के उम्मीदवारों के लिए नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 29 अप्रैल (सोमवार) थी। इस क्षेत्र में 13 मई को मतदान होगा और चार जून को मतगणना की जाएगी। इस बीच, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपने ‘‘एक्स’’ खाते पर एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें बम उनके साथ कार में बैठे नजर आ रहे हैं। गाड़ी में उनके साथ भाजपा विधायक मेंदोला भी नजर आए। मेंदोला को विजयवर्गीय का विश्वस्त माना जाता है। विजयवर्गीय ने तस्वीर के साथ लिखा, ‘‘इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है।’’
अपना नामांकन वापस लेने के बाद बम भाजपा के स्थानीय कार्यालय पहुंचे। भाजपा की ओर से इस मौके पर एक तस्वीर भी जारी की गई जिसमें उनके साथ राज्य के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और अन्य पार्टी नेता खड़े दिखाई दे रहे हैं।
इस तस्वीर में बम को भाजपा के चुनाव चिह्न ‘कमल’ वाला अंगवस्त्र पहने हुए देखा जा सकता है। भाजपा सूत्रों ने बताया कि बम जल्द ही औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता लेंगे। इस बीच, बम के पत्रकार कॉलोनी स्थित घर के बाहर बैरिकेड लगाकर पुलिस तैनात कर दी गई है। बम के नामांकन वापस लेने के बाद इंदौर की शहर कांग्रेस इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने पार्टी संगठन पर खुलकर नाराजगी जताई। यादव ने कहा, “मैंने खुद इंदौर से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांगा था, लेकिन मेरी और मेरे जैसे कांग्रेस के कई जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी करके बम की धन की ताकत देखकर उन्हें टिकट दिया गया।”
उन्होंने कहा कि उन्हें पहले ही आशंका थी कि बम ऐन वक्त पर नामांकन वापस ले सकते हैं। गौरतलब है कि इंदौर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का गृह क्षेत्र भी है। भाजपा का मजबूत गढ़ कहे जाने इंदौर में कांग्रेस ने एकदम नये-नवेले चेहरे बम (45) को अपना उम्मीदवार बनाया था। बम पेशे से कारोबारी हैं और उनका परिवार शहर में निजी महाविद्यालयों का संचालन करता है। बम ने अपने राजनीतिक कॅरियर में अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा है।
कांग्रेस ने उन्हें इंदौर से ऐसे वक्त उम्मीदवारी का मौका दिया था, जब जिले में कांग्रेस के तीन पूर्व विधायकों समेत पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता लोकसभा चुनावों से पहले पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
इंदौर सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के निवर्तमान सांसद शंकर लालवानी (62) और बम के बीच होना माना जा रहा था। मतदाताओं की तादाद के लिहाज से प्रदेश में सबसे बड़े इंदौर लोकसभा क्षेत्र में 25.13 लाख लोगों को मताधिकार हासिल है जहां भाजपा ने इस बार आठ लाख मतों के अंतर से जीत का नारा दिया है।