उत्तराखंड में बागेश्वर विधानसभा सीट पर मंगलवार को उपचुनाव में करीब 55.42 प्रतिशत मतदान हुआ। बागेश्वर के जिला सूचना अधिकारी गोविंद सिंह बिष्ट ने बताया कि बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में करीब 55.42 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाला। बिष्ट ने बताया कि मतदान शांतिपूर्ण रहा और कहीं कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आयी।
मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ था। पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में परिवहन मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे भाजपा विधायक चंदन राम दास के इस वर्ष अप्रैल में बीमारी के कारण निधन हो जाने के कारण इस रिक्त सीट पर उपचुनाव कराया गया। उपचुनाव में कुल पांच प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं लेकिन मुख्य मुकाबला एक बार फिर प्रदेश में चिर परिचित प्रतिद्वंदी सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच ही देखा जा रहा है।
राम दास 2007 में इस सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने थे और उसके बाद से लगातार चार चुनावों में जीत का सेहरा उनके सिर ही बंधा। दिवंगत विधायक के प्रति सहानुभूति को अपने पक्ष में भुनाने के लिए भाजपा ने उनकी विधवा पार्वती दास को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने उनके खिलाफ बसंत कुमार को टिकट दिया है।
कुमार ने 2022 में पिछला विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के टिकट पर लड़ा था और उपचुनाव से ऐन पहले आप का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है। भाजपा और कांग्रेस के अलावा, समाजवादी पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं।
मतों की गिनती आठ सितंबर को होगी और उसी दिन नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। राज्य में भाजपा दो-तिहाई बहुमत के साथ काबिज है इसलिए इस उपचुनाव के नतीजों का सरकार पर कोई असर नहीं होगा।
लेकिन राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले धामी सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता पर विशेषज्ञ समिति का गठन, जबरन धर्मांतरण, नकल विरोधी और अतिक्रमण के विरूद्व कठोर कानून जैसे निर्णयों पर यह जनता की राय साबित होगा।
सत्तर सदस्यीय राज्य विधानसभा में फिलहाल सत्ताधारी भाजपा के 46, कांग्रेस के 19 और बहुजन समाज पार्टी के दो विधायक हैं। दो अन्य विधायक निर्दलीय है। एक सीट रिक्त है जिस पर उपचुनाव हुआ।