अर्थव्यवस्था

सितंबर से कम हो सकती हैं सब्जी की कीमतें: RBI गवर्नर दास

इसके अलावा, प्याज की सप्लाई प्रबंधन के लिए भी कदम उठाए गए हैं, जिससे कीमतों को स्थिर करने में भी मदद मिल रही है।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- August 23, 2023 | 11:41 PM IST

सितंबर से सब्जियों की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है। इसका मुख्य कारण टमाटर की कीमतें हैं, जो पहले से ही कम होने लगी हैं क्योंकि सप्लाई ज्यादा उपलपब्ध है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जुलाई में सब्जियों की कीमतों में जो बढ़ोतरी देखी गई थी, वह अब उलटने लगी है। यह कमी मुख्य रूप से टमाटर की कीमतों में देखी जा रही है, क्योंकि बाजारों में अधिक टमाटर लाए जा रहे हैं, जिससे कीमतें नीचे जा रही हैं।

सितंबर से सब्जी सस्ती होने की उम्मीद

इसके अलावा, प्याज की सप्लाई प्रबंधन के लिए भी कदम उठाए गए हैं, जिससे कीमतों को स्थिर करने में भी मदद मिल रही है। कुल मिलाकर, यह अनुमान है कि सितंबर से सब्जियों की मुद्रास्फीति दर काफी धीमी हो जाएगी।

उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति का मुख्य माप जुलाई में 15 महीने के उच्चतम 7.4% पर पहुंच गया। यह वृद्धि पिछले तीन महीनों तक 6% की ऊपरी सीमा से नीचे रहने के बाद हुई। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतों में वृद्धि थी।

विशेष रूप से, पिछले साल की समान अवधि की तुलना में सब्जियों की कीमतें 37% बढ़ गईं, जिसमें 201% की भारी वृद्धि के साथ टमाटर सबसे आगे रहा। इन कारकों के कारण, फूड की मुद्रास्फीति दर दोगुनी से अधिक हो गई, जो जून में 4.7% से बढ़कर जुलाई में 10.6% हो गई। हालांकि, अगर हम फूड और ईंधन को गणना से हटा दें, तो जुलाई में मुख्य मुद्रास्फीति दर गिरकर 4.9% हो गई।

दास ने बताया, “हालांकि यह अभी भी कुछ हद तक 4.9% पर है, लेकिन पिछले पांच महीनों में मुख्य मुद्रास्फीति में धीरे-धीरे कमी से पता चलता है कि हमारी मौद्रिक नीति पर असर पड़ रहा है।”

फूड प्राइस को लेकर सतर्क है आरबीआई

गवर्नर दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक खाद्य-संबंधी मूल्य झटकों को व्यापक प्रभाव डालने से रोकने के लिए सतर्क रहेगा। इन प्रभावों के परिणामस्वरूप कीमतों में अधिक व्यापक और स्थायी वृद्धि हो सकती है।

उन्होंने कहा, “क्योंकि सब्जियों की कीमतों में उछाल अस्थायी होने की संभावना है, हम इन मूल्य वृद्धि के शुरुआती प्रभाव के ठीक होने का इंतजार कर सकते हैं। इससे समग्र मुद्रास्फीति में अस्थायी उछाल आ सकता है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहेंगे कि ये शुरुआती प्रभाव आगे न बढ़ें। बार-बार खाद्य कीमतों में झटके लगने की घटनाएं स्थिर मुद्रास्फीति की उम्मीदों को बनाए रखने के लिए जोखिम पैदा करती हैं, जिस पर हम सितंबर 2022 से काम कर रहे हैं,”

उन्होंने कहा कि भले ही पर्याप्त बारिश नहीं हुई है, लेकिन जुलाई में जिस तरह से मानसून डेवलप हुआ है, उससे खरीफ फसलों की अच्छी पैदावार की उम्मीद जगी है, जो कृषि के लिए सकारात्मक खबर है।

अनाज की कीमतों के नियंत्रण पर बोले गवर्नर

गवर्नर दास ने बताया कि अनाज फसलों की कीमतों में सुधार की उम्मीद पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों का परिणाम है।

हालांकि, अचानक मौसम परिवर्तन, अल नीनो की स्थिति और भू-राजनीतिक तनाव जैसे विभिन्न कारकों के कारण खाद्य कीमतें किस दिशा में जा रही हैं, यह अनिश्चित है। ये कारक स्थिति को शीघ्रता से बदल सकते हैं।

उन्होंने स्थिर कीमतों के लिए किसी भी खतरे के प्रति सतर्क रहने और आवश्यक और समय पर कार्रवाई करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने यह भी दोहराया कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को 4% के लक्ष्य के आसपास रखने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।

आरबीआई ने पिछली तीन मौद्रिक नीति समीक्षाओं में मुख्य नीतिगत ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा है। उन्होंने मई 2022 से फरवरी 2023 तक दर में कुल 250 आधार अंकों की वृद्धि की थी, जिससे यह 6.5% हो गई थी।

First Published : August 23, 2023 | 11:41 PM IST