अर्थव्यवस्था

अमेरिकी टैरिफ का असर लंबे समय तक नहीं टिकेगा, GST और घरेलू मांग से मिलेगी मजबूती: नागेश्वरन

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि अमेरिकी शुल्क का असर सीमित रहेगा, जीएसटी दरों और बढ़ती घरेलू मांग से भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ेगी

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- August 29, 2025 | 10:15 PM IST

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरों के प्रभाव में आने के बाद देश में उपभोग मांग में बढ़ोतरी हो सकती है। नागेश्वरन ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था पर 50 प्रतिशत अमेरिकी शुल्क का असर काफी कम समय तक के लिए रहेगा। 

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के आंकड़े आने के बाद ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अनिश्चित वैश्विक हालात के कारण पूंजी सृजन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मगर इससे निपटने के लिए देश के उद्योग जगत ने अमेरिकी शुल्कों से होने वाले असर का एक हिस्सा वहन करने की रणनीति तैयार की है। इसके साथ ही इन शुल्कों से बढ़ने वाली लागत भी साझा करने की व्यवस्था की जा रही है। हम निर्यात के लिए दूसरे बाजारों में निर्यात की संभावनाएं तलाशेंगे।‘

नागेश्वरन ने कहा कि फिलहाल पुख्ता तौर पर यह अनुमान लगा पाना मुश्किल है कि अमेरिकी शुल्कों से भारत की आर्थिक वृद्धि पर कितना असर होगा मगर इतना तो तय है कि अनिश्चितता दूर एवं चुनौतियों का समाधान निकाल कर आने वाली तिमाहियों में देश की अर्थव्यवस्था को ताकत दी जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘देश में समग्र स्तर पर मांग बढ़ने से अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ पाएगी।‘

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि जीएसटी दरों में संशोधन की घोषणाओं के बाद वैकल्पिक मांग में आई किसी कमी की भरपाई जीएसटी परिषद की बैठक बाद सितंबर तक आसानी से हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘त्योहार शुरू होने में अभी थोड़ी देर है इसलिए उपभोग बढ़ने की गुंजाइश भी काफी है। सितंबर में उपभोग में तेजी आने की उम्मीद है।‘

नागेश्वरन ने कहा कि शुल्क से जुड़े जोखिमों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था  6.3  से  6.8  प्रतिशत दर से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि घरेलू मांग मजबूत बनी हुई है लेकिन अमेरिका में भारतीय उत्पादों पर  50  प्रतिशत का आयात शुल्क लगाए जाने से वृद्धि अनुमान थोड़ा इधर-उधर हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘भारत और अमेरिका दोनों अतिरिक्त 25 प्रतिशत हटाने और द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं।’ नागेश्वरन ने कहा, ‘अमेरिका द्वारा लगाए गए जवाबी आयात शुल्क के बावजूद पहली तिमाही में मजबूत आर्थिक वृद्धि दर्ज होने के बाद हम चालू वित्त वर्ष में जीडीपी दर  6.3 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रख रहे हैं।’

इसके अलावा, मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने कहा कि देश के जीडीपी वृद्धि अनुमान में बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है। जनवरी में संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में भी 2025-26 के लिए वास्तविक वृद्धि दर  6.3 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।

First Published : August 29, 2025 | 10:01 PM IST