सरकारी बॉन्ड और कॉरपोरेट बॉन्ड के बीच प्रतिफल (yield) का अंतर घटता जा रहा है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की हालिया बैठक में आक्रामक रुख अपनाया। इससे शीघ्र दरों में कटौती की उम्मीद घट गई।
इसके अलावा केंद्रीय बैंक के बीते सप्ताह नकदी कम करने के लिए परिवर्तनीय ब्याज रीवर्स रीपो (वीआरआरआर) की नीलामी के कारण भी रुझान प्रभावित हुआ।
केंद्रीय बैंक ने बीते चार महीनों से नकदी की कमी के बावजूद 6 और 7 फरवरी को दो वीआरआरआर की नीलामी की थी। हालांकि आपूर्ति कम होने के कारण कॉरपोरेट बॉन्ड का प्रतिफल स्थिर रहा।
फरवरी में एएए रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्ड और 10 साल के बेंचमार्क वाले सरकारी बॉन्ड के प्रतिफल का अंतर चार आधार अंक घट गया।
आईसीआरए एनॉलिटिक्स ने सालाना प्रतिफल की तुलना कर बताया कि इसमें बीते सप्ताह की तुलना में 6 आधार अंक की कमी आई है। भारत की कंपनियों और बैंकों ने फरवरी में कॉरपोरेट बॉन्ड के जरिये 15,207 करोड़ रुपये जुटाए थे।