सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर दिसंबर में 3 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई। एक निजी सर्वे के मुताबिक अनुकूल आर्थिक स्थितियों और मांग सकारात्मक रहने के कारण ऐसा हुआ है।
मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई (पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स नवंबर के 56.9 से बढ़कर दिसंबर में 59 पर पहुंच गया।
अक्टूबर और नवंबर में सुस्ती के कारण ताजा तिमाही औसत वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही के बाद सबसे कम रहा है। दिसंबर में लगातार 29वें महीने जुलाई 2021 से सूचकांक 50 के ऊपर रहा है।
पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम अंक का आशय संकुचन से होता है।
सर्वेक्षण सेवा क्षेत्र की करीब 400 कंपनियों को भेजे गए प्रश्नावली के जवाबों पर आधारित है। इनमें परिवहन, सूचना, संचार, वित्त, बीमा, रियल एस्टेट, गैर खुदरा उपभोक्ता और बिजनेस सर्विस क्षेत्र की कंपनियां शामिल थीं।
एचएसबीसी की ‘चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट’ प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘भारत का सेवा क्षेत्र साल के अंत में उच्च स्तर पर रहा। व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने और 3 महीने में सर्वाधिक ऑर्डर मिलने से यह संभव हो पाया। नवंबर की तुलना में इनपुट लागत में सुस्त बढ़ोतरी हुई है।
इसमें 2023 के मध्य से लगातार नरमी जारी रही। लेकिन आउटपुट की कीमत में तेज बढ़ोतरी हुई है। इससे दिसंबर में कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी के संकेत मिलते हैं।’
सर्वे के मुताबिक नए व्यवसाय में बढ़ोतरी को अंतरराष्ट्रीय बिक्री की निरंतर वृद्धि से समर्थन मिला। सेवा प्रदाताओं ने दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोप, पश्चिम एशिया और दक्षिण अमेरिका में स्थित ग्राहकों की ओर से उच्च मांग देखी।
सर्वे में कहा गया, ‘मांग में उछाल से बिक्री में तेजी आई जिससे व्यावसायिक गतिविधि में तेजी आई। रोजगार सृजन लगातार 19वें महीने बढ़ा।’
इसमें कहा गया है कि 2024 में मजबूत मांग बनी रहने की संभावना है, जिसे विज्ञापन और ग्राहकों के बेहतर संबंधों का समर्थन मिलेगा।