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रूस-यूक्रेन युद्ध से बढ़े तेल के दाम

Last Updated- December 11, 2022 | 8:33 PM IST

वित्त विधेयक 2022 पर चर्चा के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रूस और यूक्रेन विवाद से आपूर्ति शृंखला बाधित होने के कारण ईंधन की कीमतों में तेजी आई है। चर्चा के बाद लोकसभा में वित्त विधेयक आज पारित हो गया। उन्होंने कहा कि भारत संभवत: एकमात्र देश है जिसने महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कोई नया कर नहीं लगाया है।
सरकार ने वित्त विधेयक 2022 में 39 संशोधन का प्रस्ताव किया है जिनमें से कुछ बदलाव क्रिप्टो करेंसी पर कराधान, जुर्माना और उपकर एवं अधिभार के मामले में आय की पुनर्गणना से संबंधित हैं।
उच्च मुद्रास्फीति पर विपक्ष की आलोचना का जवाब देते वित्त मंत्री ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के भाषण की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने 1951 में महंगाई बढऩे के लिए कोरियाई युद्घ को जिम्मेदार बताया था। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1970 में आयकर दरों में काफी बढ़ोतरी करने के निर्णय का भी हवाला दिया। वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों या क्रिप्टो संपत्तियों पर सरकार के रुख को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि इसे लेकर कोई भ्रम नहीं है… केंद्र इस मामले में जारी परामर्श प्रक्रिया पूरी होने के बाद अपना रुख बताएगा, तब तक हम इस पर कर और स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की व्यवस्था लागू कर रहे हैं क्योंकि लोग इसका कारोबार कर रहे हैं और संपत्ति बना रहे हैं। टीडीएस पर वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कोई अतिरिक्त या नया कर नहीं है बल्कि लेनदेन पर नजर रखने के लिए इसे लगाया गया है। उन्होंने कहा कि टीडीएस जैसे विधायी उपायों से कर आधार बढ़ाने में मदद मिली है।
सीतारमण ने कहा, ‘टीडीएस के जरिये लेनदेन पर नजर रखना आसान होता है। करादाता अगर 1 फीसदी टीडीएस देता है तो वह कुल कर देनदारी में इसे जोड़ या घटा सकता है। करदाताओं की संख्या कुछ साल पहले 5 करोड़ थी जो अब बढ़कर 9.1 करोड़ हो गई है।’ उन्होंने कहा कि बिना मानव हस्तक्षेप के कर आकलन को भी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। क्रिप्टोकरेंसी उद्योग क्रिप्टो संपत्तियों पर 30 फीसदी कर लगाने और लेनदेन पर 1 फीसदी टीडीएस के निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए दबाव बना रहा है।  वित्त विधेयक के अन्य संशोधन पिछली तिथि से उपकर एवं अधिभार से संबंधित है। सीतारमण ने स्पष्ट किया कि उपकर एवं अधिभार का पिछले कुछ वर्षों से दुरुपयोग किया जा रहा था जहां लोग इसे कारोबारी खर्च के तौर पर दिखा रहे थे। उन्होंने कहा कि करदाताओं के पास कर कटौती की स्थिति में कर विभाग से संपर्क करने का विकल्प है और उस पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
वित्त विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि उपकर एवं अधिभार पर कटौती के दावे को कम बताई गई आय माना जाएगा और इस पर 50 फीसदी की दर से जुर्माना लगेगा।
कर के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। उन्होंने कहा कि बजट में पूंजीगत व्यय और बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने पर जोर दिया गया है।

First Published - March 25, 2022 | 10:47 PM IST

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