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रिजर्व बैंक ने फिर छोड़ा सीआरआर अस्त्र

Last Updated- December 06, 2022 | 12:44 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखते हुए हाल ही में बढ़ाए गए नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) को मंगलवार को 0.25 फीसदी और बढ़ा दिया।


हालांकि ब्याज दरों की बढ़ोतरी को लेकर छाए आशंकाओं के बादल को छांटते हुए केंद्रीय बैंक ने प्रमुख अल्पकालिक ऋण, उधारी दरों तथा बैंक दर में कोई बदलाव नहीं किया है। अपनी वार्षिक ऋण एवं मौद्रिक नीति को पेश करते हुए रिजर्व बैंक ने 2008-09 के दौरान भारत की जीडीपी विकास दर 8-8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया।


बता दें कि नकद आरक्षी अनुपात यानी सीआरआर बैंकों की जमा पूंजी का वह हिस्सा होता है, जो वाणिज्यिक बैंकों को रिजर्व बैंक के पास रखना होता है। इसमें बढ़ोतरी का मतलब है कि बैंकों की उपलब्ध जमा पूंजी कम हो जाएगी।


इस ताजा बढ़ोतरी से बैंकिंग प्रणाली में से 9,000 करोड़ रुपये और कम हो जाएंगे। पखवाड़े भर में ही केंद्रीय बैंक ने दूसरी बार यह बढ़ोतरी की है। इससे पहले बैंंकिग प्रणाली से 18,500 करोड़ रुपए सोखने के इरादे से ही केंद्रीय बैंक ने 17 अप्रैल को सीआरआर में 0.5 प्रतिशत बढ़ोतरी का ऐलान किया था।


क्या निकला आरबीआई के तरकश से


सीआरआर 0.25 फीसदी बढ़कर 8.25 फीसदी
रेपो, रिवर्स रेपो और बैंक दर में कोई बदलाव नहीं
जीडीपी विकास दर 8-8.5 फीसदी रहने की उम्मीद
चालू वित्त वर्ष में महंगाई दर घटाकर 5.50 फीसदी करने का लक्ष्य
मध्यम अवधि में महंगाई दर को 3 फीसदी रखने का लक्ष्य
चालू वित्त वर्ष में ऋण में 20 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य
जमा में 17 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य
बैंकाेंे की व्यक्तिगत होम लोन सीमा बढ़ाकर 30 लाख रु. की
एक करोड़ रुपये या इससे अधिक राशि का ई-पेमेंट 

First Published - April 30, 2008 | 1:20 AM IST

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