अर्थव्यवस्था

विदेशी झटकों से निपटने को तैयार, ट्रंप के व्यापार युद्ध का भी सामना करेगा भारत: RBI गवर्नर शक्तिकान्त दास

दरअसल ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से विदेशी निवेशक भारतीय ऋण और इक्विटी बाजार से धन निकासी कर रहे हैं।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- November 26, 2024 | 10:05 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी नीतियों के बलबूते वैश्विक झटकों के प्रभाव से निपटने में पूरा भरोसा जताया। दरअसल, डॉनल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है।

दास ने फाइनैंशियल टाइम्स को दिए साक्षात्कार में संरक्षणवाद और सीमा शुल्कों को सबसे बड़ी चुनौती करार दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि बाह्य स्रोतों से पड़ने वाले किसी भी विपरीत प्रभाव से निपटने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है।

दरअसल ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से विदेशी निवेशक भारतीय ऋण और इक्विटी बाजार से धन निकासी कर रहे हैं। इससे भारतीय मुद्रा दबाव में आ गई है और पिछले हफ्ते रुपया सर्वकालिक निचले स्तर 84.50 प्रति डॉलर पर आ गया। इससे निपटने के लिए रिजर्व बैंक के पास 658 अरब डॉलर (15 नवंबर) का विदेशी मुद्रा भंडार है। रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप की वजह से रुपये के गिरने पर अंकुश भी लगा।

ट्रंप ने अपनी योजना में चीन, मेक्सिको और कनाडा पर शुल्क लगाने की घोषणा कर दी है। अभी तक भारत ट्रंप की शुल्क लगाने की योजना से बाहर है। ट्रप ने कहा कि वह मेक्सिको और कनाडा के सभी आयात पर 25 फीसदी शुल्क लगाने के लिए आदेश पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इसके अलावा चीन के उत्पादों को भी 10 फीसद अतिरिक्त शुल्क का सामना करना पड़ेगा।

चीन पर यह शुल्क तब तक लगाया जाएगा जब तक वह अमेरिका में नशीले पदार्थ सिंथेटिक ओपिओइड फेंटेनाइल की कथित तस्करी राेकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाता। दास 4-6 दिसंबर को होने वाली मौद्रिक नीति की बैठक की अंतिम बार अध्यक्षता करेंगे। उन्होंने भविष्य के ब्याज दरों पर कुछ बोलने से परहेज बरता। उन्होंने कहा, ‘कई अनिश्चितताओं’ के कारण यह ‘अत्यधिक जोखिम’ वाला है।

First Published : November 26, 2024 | 10:05 PM IST