अर्थव्यवस्था

RBI Monetary Policy: जानें आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के संबोधन की मुख्य बातें

RBI ने 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह 2023-24 के 7.6 प्रतिशत के अनुमान से कम है।

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भाषा   
Last Updated- April 05, 2024 | 12:51 PM IST

RBI Monetary Policy key Points: रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकान्त दास (RBI Governor) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश की। इसकी मुख्य बातें इस प्रकार हैं। * प्रमुख नीतिगत दर रेपो 6.5 प्रतिशत पर कायम।

* 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत पर बरकरार। यह 2023-24 के 7.6 प्रतिशत के अनुमान से कम है।

* चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान। यह 2023-24 के 5.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है।

* खाद्य कीमतों पर अनिश्चितताएं मुद्रास्फीति के परिदृश्य को प्रभावित करेंगी।

* ग्रामीण मांग बढ़ने से 2024-25 में उपभोग से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलने की उम्मीद।

* सामान्य मानसून की उम्मीद के बीच रबी गेहूं की अच्छी फसल तथा खरीफ फसल की संभावनाएं बेहतर होने से कृषि, ग्रामीण गतिविधियों का परिदृश्य बेहतर।

* मजबूत ग्रामीण मांग, मुद्रास्फीति का दबाव कम होने और विनिर्माण और सेवा गतिविधियों में तेजी से निजी खपत को प्रोत्साहन मिलेगा।

* लंबे समय तक भू-राजनीतिक तनाव और व्यापार मार्गों में बढ़ते व्यवधानों से उत्पन्न होने वाली प्रतिकूल परिस्थितियां परिदृश्य के लिए जोखिम।

* वृद्धि की मजबूत रफ्तार के साथ 2024-25 के लिए जीडीपी अनुमान से आरबीआई के लिए मूल्य स्थिरता के मोर्चे पर ध्यान देने की नीतिगत गुंजाइश।

* अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में सॉवरेन हरित बॉन्ड के कारोबार की अनुमति

*सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा भागीदारी की सुविधा के लिए एक मोबाइल ऐप पेश किया जाएगा।

* यूपीआई के जरिये बैंकों में नकदी जमा करने की सुविधा मिलेगी।

* गैर-बैंक भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों को सीबीडीसी (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) वॉलेट की पेशकश करने की अनुमति।

* विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का शुद्ध प्रवाह 2023-24 के दौरान 41.6 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। यह 2014-15 के बाद दूसरा सबसे ऊंचा एफपीआई प्रवाह है।

* भारत दुनिया में रेमिटेंस या धन प्रेषण पाने में सबसे आगे।

* 2024-25 में चालू खाते घाटा एक ऐसे स्तर पर रहेगा जो व्यवहार्य और उल्लेखनीय रूप से प्रबंधन के दायरे में होगा।

* भारतीय रुपया अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा की तुलना में 2023-24 में एक दायरे में रहा।

* वित्त वर्ष 2023-24 में रुपया प्रमुख मुद्राओं में सबसे स्थिर रहा।

* अगली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक पांच से सात जून को होगी।

First Published : April 5, 2024 | 12:24 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)