facebookmetapixel
Gold and Silver Price Today: सोना-चांदी आज भी हुए महंगे! गोल्ड 1,24,400 रुपये के करीब; सिल्वर 1,55,600 रुपये के स्तर परTata Group में नई पीढ़ी की एंट्री! नोएल टाटा के बेटे नेविल टाटा बने ट्रस्टी, जानिए क्या है रतन टाटा से कनेक्शनभारत-भूटान ने किए 7 समझौते, 4000 करोड़ रुपये के ऊर्जा ऋण का ऐलान₹12 तक डिविडेंड पाने का आज आखिरी मौका! कल ये 6 कंपनियां करेंगी एक्स डेट पर ट्रेडलाल किले के पास विस्फोट की जांच अब NIA करेगी, पुलवामा से जुड़े मॉड्यूल पर सतर्कताअचल संपत्ति बेचना ‘सेवा’ नहीं, यह सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर: सुप्रीम कोर्ट तेजी का मौका! एनालिस्ट ने बताए 3 स्टॉक्स जो पहुंच सकते हैं ₹2,980 तकग्रीन हाइड्रोजन लक्ष्य में बदलाव, 2030 तक 30 लाख टन उत्पादन का नया टारगेटStock Market Update: आईटी शेयरों में तेजी से बाजार में मजबूती, सेंसेक्स 300 से ज्यादा अंक चढ़ा; निफ्टी 25800 के पारक्विक कॉमर्स में मुनाफे की नई दौड़ शुरू! मोतीलाल ओसवाल ने Swiggy और Eternal पर जारी किए नए टारगेट्स

घटेगा उत्पादन, होगी छंटनी

Last Updated- December 08, 2022 | 8:04 AM IST

देश में आने वाले दिनों में उत्पादन में और कटौती की आशंका है और इसके साथ ही छंटनी की तलवार भी और धारदार हो सकती है।


उद्योग चैंबर फिक्की के एक सर्वेक्षण के मुताबिक कई विनिर्माण क्षेत्रों में आगामी महीनों में उत्पादन 50 फीसदी तक घट सकता है और 30 फीसदी तक छंटनी की जा सकती है।

वैश्विक मंदी से परेशान चल रही भारतीय कंपनियों ने पिछले कुछ महीनों में उत्पादन घटाया है, पर यह सिलसिला कुछ और समय तक जारी रह सकता है।

वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच कंपनियों के लिये औद्योगिक विकास के लक्ष्य को पूरा करना मुश्किल हो रहा है। सरकार ने भले ही राहत पैकेज की घोषणा कर देश की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने की कोशिश की है पर फिर भी देशी कंपनियों को अभी भी वैश्विक मंदी की तपिश झुलसा रही है।

फिक्की ने इस सर्वे में विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन का मूल्यांकन विकास, निर्यात, रोजगार और आने वाले दिनों में हालात कैसे रहेंगे, इन पैमानों के आधार पर किया है। इस वर्ष अक्टूबर में कपड़ा, चमड़ा और धातु क्षेत्रों में विकास दर ऋणात्मक रहने की आशंका जताई गई है।

इन क्षेत्रों में विकास दर क्रमश: 3.9 फीसदी (ऋणात्मक), 13 फीसदी (ऋणात्मक) और 30 फीसदी (ऋणात्मक) रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

हालांकि रसायन और मशीनरी क्षेत्र में विकास दर क्रमश: 5 और 17 फीसदी रहने की संभावना जताई गई है। यह सर्वे दिसंबर के पहले महीने में किया गया था और इसमें विभिन्न क्षेत्रों की 200 कंपनियों को शामिल किया गया था।

इस सर्वे में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में नवंबर और मार्च के बीच कपड़ा, चमड़ा जैसे कई विनिर्माण खंडों में उत्पादन 50 फीसदी घटने की संभावना है और कर्मचारियों की संख्या 30 फीसदी तक घटाई जा सकती है।

चैंबर ने कहा ‘विनिर्माताओं ने नवंबर, 2008 से मार्च, 2009 के बीच उत्पादन में कटौती की योजना बनाई है। अगर मौजूदा आर्थिक अनिश्चितता जारी रही तो विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर और घट सकती है।’

आने वाले कुछ महीनों में चमड़ा और चमड़े से जुड़ी उत्पाद इकाइयों में सबसे अधिक कर्मचारियों की छंटनी होगी।

First Published - December 9, 2008 | 9:35 PM IST

संबंधित पोस्ट