भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को सोना गिरवी रखकर ऋण देने वाली कंपनियों के लिए एक सर्कुलर जारी किया। इस सर्कुलर का मकसद विभिन्न ऋणदाताओं में ऐसे ऋणों के लिए अनुकूल नियामकीय ढांचा तैयार करना है। इसका उद्देश्य खास उधारी प्रणालियों से संबंधित चिंताएं दूर करना, विशेष परिस्थितियों के संदर्भ में स्थिति स्पष्ट करना और इस क्षेत्र में मानकों को मजबूत बनाना भी है।
सर्कुलर में आरबीआई ने कहा है कि सोने पर उधारी के लिए मानकों को ऋणदाताओं की क्रेडिट/रिस्क प्रबंधन नीति में शामिल किया जाना चाहिए। नीति में उचित एकल उधारकर्ता सीमा, गिरवी सोने पर ऋण के पोर्टफोलियो के लिए क्षेत्रीय सीमाएं, निधियों के उचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए तंत्र, लोन-टु-वैल्यू (एलटीवी) रेशियो, मूल्यांकन मानक, साथ ही सोने की शुद्धता के मानक शामिल होने चाहिए।
आरबीआई के अनुसार, ऋणदाताओं को अपने कुल ऋणों और अग्रिमों के अनुपात के रूप में पात्र गोल्ड कॉलेटरल के रूप में सुरक्षित ऋण पोर्टफोलियो पर एक सीमा निर्धारित करना जरूरी है। इस सीमा की समय-समय पर समीक्षा की जानी होगी, संग्रह दक्षता, नीलामी आधारित वसूली प्रदर्शन, पर्याप्त आर्थिक पूंजी की उलब्धता जैसे कारकों पर ध्यान देना होगा।
इसके अलावा, ऋणदाताओं को पात्र गोल्ड कॉलेटरल के संदर्भ में एकल उधारकर्ता के लिए ऋण की मात्रा पर सीमा तय करनी होगी, आय सृजन और खपत उद्देश्य के बीच अंतर स्पष्ट करना होगा। आरबीआई ने कहा कि यह सीमा लगातार और गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से लागू की जानी चाहिए।
एक निजी बैंकर के अनुसार प्रस्तावित मानक बैंकों के लिए उपयोगी हैं। गोल्ड लोन एनबीएफसी के शेयरों में बुधवार को गिरावट आई। मुथूट फाइनैंस का शेयर 7 फीसदी गिरकर, आईआईएफएल फाइनैंस 2.5 फीसदी, जबकि मणप्पुरम फाइनैंस 1.86 फीसदी कमजोरी के साथ बंद हुआ।