केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में विशेष तौर पर प्रशिक्षित विश्लेषक एवं डेटा विशेषज्ञों को नियुक्त करने की योजना बना रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन विशेषज्ञों को तैनात करने का उद्देश्य आंतरिक डेटासेट को व्यवस्थित करना है।
इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने कहा कि ऐसे डेटासेट को व्यवस्थित करने की योजना है जिनकी विभिन्न मंत्रालयों को रोजाना जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि इन विशेषज्ञ विश्लेषकों को डेटा एवं आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाली निजी संस्थाओं के सहयोग से आवश्यक कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय विभिन्न मंत्रालयों में डेटा विश्लेषक एवं डेटा विशेषज्ञों को नियुक्त करने के लिए आंतरिक क्षमता सृजित करना चाहता है। यह क्षमता निर्माण ऐसा क्षेत्र है जहां एआई नवाचार एवं अनुसंधान में काम करने वाली निजी कंपनियां और गैर-लाभकारी संस्थाएं योगदान देंगी।’
उन्होंने कहा, ‘इन विश्लेषकों को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के विभिन्न क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के तहत बुनियादी डेटा एवं एआई कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा।’
इस पहल के बारे में जानकारी के लिए आईटी मंत्रालय को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया। ये डेटा विशेषज्ञ मंत्रालय की जरूरतों के आधार पर एक या अधिक व्यक्ति हो सकते हैं।
सूत्रों ने कहा, ‘विश्लेषण के अलावा एक अन्य ऐसा क्षेत्र है जहां ये विशेषज्ञ विभिन्न विभागों के बीच डेटा का पारस्परिक फायदा उठाने में मदद करेंगे। एआई के कारण इन दिनों यह काफी महत्त्वपूर्ण हो गया है। इसके अलावा ये किसी खास मंत्रालय की जरूरत के हिसाब से अन्य आउटपुट में भी मदद करेंगे।’
सरकार इंडिया एआई मिशन के तहत एक राष्ट्रीय डेटासेट प्लेटफॉर्म स्थापित करने की योजना बना रही है, जहां सरकारी और निजी दोनों संगठनों के गुमनाम एवं गैर-व्यक्तिगत डेटा भारतीय स्टार्टअप, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों के एआई मॉडल के प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध होंगे।
इसी साल मार्च में केंद्रीय मंत्रिपरिषद ने अगले 5 साल के दौरान 10,372 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इंडिया एआई मिशन को मंजूरी दी थी।
एक दमदार एआई बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लक्ष्य के साथ इस योजना में मल्टी-मॉडल लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) के लिए एआई नवाचार केंद्र स्थापित करना, कौशल प्रदान करना और देश में अच्छी गुणवत्ता वाले डेटासेट तैयार करने के लिए एकीकृत डेटासेट प्लेटफॉर्म विकसित करना शामिल है।
इसके अलावा इस मिशन के तहत उच्च स्तरीय कंप्यूटिंग क्षमता विकसित करने के लिए 10,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) हासिल करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले सप्ताह इंडिया एआई मिशन के तहत शिक्षाविदों, एमएसएमई, स्टार्टअप, सरकारों एवं अन्य सरकारी एजेंसियों को क्लाउड पर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए 1,000 जीपीयू खरीदने के लिए निजी फर्मों से आवेदन आमंत्रित किए।
मंत्रालय ने निविदा दस्तावेज में कहा है कि सरकार उन अंतिम उपयोगकर्ताओं को अधिकृत करेगी जिन्हें क्लाउड पर इन एआई सेवाओं तक पहुंच प्रदान की जाएगी।