सरकार द्वारा नई विदेश व्यापार नीति 30 सितंबर को जारी की जा सकती है। सरकार ने बीते दो साल से व्यापार नीति नहीं जारी की है। कोरोना महामारी के कारण मौजूदा पॉलिसी को ही बढ़ा दिया गया था। वाणिज्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि विदेश व्यापार नीति आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और रोजगार सृजित करने के मकसद से निर्यात बढ़ाने के लिए दिशा निर्देश प्रदान करता है।
30 सितंबर को अगर या नई विदेश व्यापार नीति जारी होती है तो यह अगले 5 साल तक लागू रहेगी। इसके तहत अमृत काल का रोडमैप किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने अपने 15 अगस्त के भाषण में आने वाले 25 साल को देश के विकास के लिए अमृत काल की संज्ञा दी थी। इसके अलावा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी बनाई जाएगी।
घरेलू उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
नई नीति में सरकार का फोकस मुख्य रूप से छोटे तथा घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने होगा। इसमें मुक्त व्यापार समझौता पर जोर रहेगा। सरकार कई देशों के साथ FTA को लेकर बात कर रही है। ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता पर बात चल रही है। ऐसे में देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा।
हर जिले में बनेगा एक्सपोर्ट हब
इसके तहत हर जिले में एक्सपोर्ट हब बनाने की बात चल रही है। वाणिज्य मंत्रालय ने हर जिले के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन कमेटी बना दी है अब उसके लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम चल रहा है। इसमें लगभग 2500 करोड़ तक का खर्च आने की संभावना है।
क्या होती है विदेश व्यापार नीति
विदेश व्यापार नीति भारत सरकार द्वारा जारी एक कानूनी दस्तावेज है, जो विदेश व्यापार (विकास और विनियमन) अधिनियम 1992 के तहत प्रवर्तनीय है। इसमें बदलाव किया जा सकता है। विदेश व्यापार नीति का मुख्य उद्देश्य लेन-देन, लागत, समय को कम करके व्यापार को सुविधाजनक बनाना है। विदेश व्यापार नीति विदेशी व्यापार नियमों को निर्धारित करती है और प्रौद्योगिकी प्रवाह, अप्रत्यक्ष संपत्ति आदि जैसे कई लेकिन महत्त्वपूर्ण नीतिगत को लेकर सरकार की स्थिति को दर्शाती है।
