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आगे है अभी और कष्ट

Last Updated- December 08, 2022 | 8:41 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा कि रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक विकास दर का अनुमान घटा सकता है।


यही नहीं, उन्होंने कहा कि मंदी के इस दौर में अगला वर्ष और भी कष्टकारक हो सकता है।

सुब्बाराव ने बताया कि जनवरी में वार्षिक मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान बैंक जीडीपी अनुमान को घटा सकता है। सुब्बाराव कोलकाता आरबीआई की बोर्ड बैठक के सिलसिले में आए हुए थे।

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वैश्विक विकास दर को संशोधित किया है और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर संबंधी अनुमान घटाया है।

इसे देखते हुए हम जब मौद्रिक नीति की समीक्षा करेंगे, तो इसका आंकड़ा सामने आएगा।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुमान के मुताबिक, वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर वर्ष 2009 में घटकर 2.2 फीसदी रहेगी, जबकि इससे पूर्व यह विकास दर 3 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था।

रिजर्व बैंक ने अक्टूबर में चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक विकास दर 7.5 से 8 फीसदी के दायरे में रहने का अनुमान व्यक्त किया है।

जबकि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने वर्ष 2008-09 के लिए जीडीपी विकास दर 7.7 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है।

आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा भीभ्अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर के अनुमान में संशोधन किए जाने की संभावना है।

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश की विकास दर 7.8 फीसदी रही, जबकि बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 9.3 फीसदी थी।

आरबीआई गवर्नर ने जताया अनुमान, कम होगी विकास दर

First Published - December 10, 2008 | 11:45 PM IST

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