अर्थव्यवस्था

LRS: अगस्त में विदेश भेजे जाने वाले धन में इजाफा

RBI की अगस्त की जारी बुलेटिन के अनुसार अगस्त, 2023 में इस योजना के तहत विदेश भेजे जाने वाले धन में सालाना आधार पर 26.68 फीसदी का इजाफा हुआ।

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आतिरा वारियर   
Last Updated- October 20, 2023 | 11:14 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की उदारीकृत धनप्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत विदेश भेजे जाने वाला धन अगस्त 2023 में फिर तेजी से बढ़ा जबकि इसमें जुलाई, 2023 में गिरावट आई थी। विदेश भेजे जाने वाले धन में इजाफा इक्विटी व ऋण बाजार में निवेश और यात्रा पर अधिक खर्च करने के कारण हुआ।

आरबीआई की अगस्त की जारी बुलेटिन के अनुसार अगस्त, 2023 में इस योजना के तहत विदेश भेजे जाने वाले धन में सालाना आधार पर 26.68 फीसदी का इजाफा हुआ। यह बीते साल अगस्त में 2.68 अरब डॉलर था जो इस साल अगस्त में बढ़कर 3.34 अरब डॉलर हो गया। इसी तरह जुलाई की तुलना में अगस्त में विदेश भेजे जाने वाले धन में 43 प्रतिशत का इजाफा हुआ।

जुलाई, 2023 में भेजे जाने वाला धन मासिक आधार पर 39.36 प्रतिशत गिरा। यह एक महीने पहले जून में 3.89 अरब डॉलर था जो जुलाई में गिरकर 2.36 अरब डॉलर हो गया। जुलाई में विदेश भेजे जाने वाले धन में गिरावट करीबी परिजनों को भेजे जाने वाले कोष में तेज गिरावट हुई थी। इसके अलावा नागरिकों ने एलएसआर कर योजना में बदलाव के कारण जून में ही धन भेज दिया था।

अगस्त के आंकड़ों के मुताबिक भारतीयों के इस योजना में भेजे जाने वाली कुल राशि में अंतरराष्ट्रीय यात्रा की हिस्सेदारी करीब 60 प्रतिशत थी। वर्ष 2022 के अगस्त की तुलना में इस वर्ष की अवधि में अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए भेजे जाना वाला धन 1.47 अरब डॉलर से 38.78 प्रतिशत बढ़कर 2.03 अरब डॉलर हो गया। इस अवधि के दौरान इक्विटी और ऋण बाजार में निवेश 535.3 लाख डॉलर से 75.75 प्रतिशत बढ़कर 940.8 लाख डॉलर हो गया।

भारतीयों ने अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल के बाद सबसे ज्यादा धन विदेशों में शिक्षा पर खर्च किया। इसके बाद अपने करीबी परिजनों की देखभाल और उपहार देने में खर्च किया। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2023 में भारतीयों ने विदेशों में भेजे जाने वाले धन में विदेशों में शिक्षा पर 48.329 करोड़ डॉलर, करीबी परिजनों की देखभाल पर 37.841 करोड़ डॉलर और उपहार पर 26.889 करोड़ डॉलर खर्च किए थे।

राशि जमा करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले धन में सालाना आधार पर 15.66 प्रतिशत की गिरावट आई। इस मद में अगस्त 2022 में 720.7 लाख डॉलर भेजे गए थे जो इस साल अगस्त में गिरकर 607.4 लाख डॉलर हो गया। इस अवधि के दौरान इलाज पर होने वाले खर्च में कुछ गिरावट भी आई।

एलआरएस योजना की शुरुआत 2004 में की गई थी। इसके क्रम में नाबालिगों सहित सभी नागरिकों को वित्त वर्ष में 2,50,000 डॉलर भेजने की अनुमति दी गई। यह राशि चालू या पूंजी खाते या दोनों से भेजा जा सकता है। शुरुआत में इस योजना के तहत 25,000 डॉलर भेजने की अनुमति दी गई थी। बाद में आर्थिक स्थितियों के मद्देनजर एलआरएस सीमा में चरणबद्ध संशोधन किया गया था।

First Published : October 20, 2023 | 10:06 PM IST