केंद्रीय उद्योग और वाणिज्य मंत्री कमलनाथ द्वारा 2008-09 के लिए पेश की गई वार्षिक पूरक विदेश व्यापार नीति (2004-09) का उद्योग जगत ने स्वागत किया है।
कांफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के एक ओपिनियन पोल के मुताबिक यह उद्योग जगत की आशाओं के अनुरूप है। पूरक विदेश व्यापार नीति 11 अप्रैल को जारी की गई थी।
सीआईआई के इस मतदान में 73 प्रतिशत लोगों ने इस नीति का स्वागत किया है और उसे आशा से अधिक संतोषजनक और दूर दृष्टि वाली नीति बताया है। मतदान से आए आंकड़ों के मुताबिक यह महत्वाकांक्षी है, और उद्योग जगत को उम्मीद है कि भारत, विश्व व्यापार में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी का लक्ष्य 2020 तक पा लेगा। सीआईआई-सीईओ के ओपिनियन पोल में भाग लेने वाले 92 प्रतिशत से अधिक लोगों का वार्षिक पूरक के बारे में कहना है कि यह विकास केंद्रित है।
सीआईआई के एक वक्तव्य में कहा गया है कि उद्योग जगत यह महसूस करते है कि इस पूरक से भारत के विकास दर को 8.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने में मदद मिलेगी।इसमें राय देने वाले 50 प्रतिशत लोगों का कहना है कि इस नीति से वैश्विक बाजार में कंपनियों के बीच प्रतियोगिता में मदद मिलेगी। इसका सीधा असर बुनियादी स्तर पर पड़ेगा। हालांकि महंगाई की मार ने निर्यात नीति पर असर डाला है और कुछ प्रतिबंध भी लगे हैं।