अर्थव्यवस्था

Crude Oil: भारत का चार गुना बढ़ा अमेरिका से तेल आयात! रूस की सप्लाई पर लगा ब्रेक

जनवरी में भारत के क्रूड ऑयल इंपोर्ट में बड़ा बदलाव, अमेरिका बना प्रमुख सप्लायर

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- April 10, 2025 | 9:07 PM IST

जनवरी 2025 में भारत ने अमेरिका से चार गुना ज्यादा कच्चा तेल (क्रूड ऑयल) खरीदा। कीमत के हिसाब से भी यह इंपोर्ट 3.4 गुना बढ़ा। ये जानकारी भारत के वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से सामने आई है, जो आमतौर पर तीन महीने की देरी से जारी होते हैं। इस दौरान रूस, इराक, सऊदी अरब और कुवैत जैसे परंपरागत देशों से तेल की आपूर्ति कम हो गई। कुल मिलाकर भारत का क्रूड ऑयल इंपोर्ट साल-दर-साल 16.3% कम हो गया।

रूस से लगातार दूसरी बार गिरावट, अमेरिका की सख्त सैंक्शन का असर

रूस से भारत को होने वाली तेल आपूर्ति जनवरी में लगातार दूसरे महीने घटी। इसकी बड़ी वजह अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए गए नए प्रतिबंध हैं, जिन्हें जनवरी की शुरुआत में लागू किया गया था। रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर है, लेकिन इसकी हिस्सेदारी कम हो रही है। जनवरी 2025 में रूस से तेल आयात 19.35% घटकर 3.61 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले 4.47 अरब डॉलर था। दिसंबर 2024 में भी इसमें 18.48% की गिरावट आई थी।

अमेरिका से आया सबसे ज्यादा इज़ाफा

दूसरी ओर, अमेरिका से तेल का इंपोर्ट अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच 15% बढ़ा है। जनवरी में अमेरिका भारत के लिए सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला सप्लायर बनकर उभरा। इराक और सऊदी अरब से भी तेल की आपूर्ति में गिरावट देखी गई – इराक से 9.69% और सऊदी से 10.78% कम तेल आया। इन देशों से वॉल्यूम में भी कमी देखी गई।

रूस पर सख्त पाबंदियां, भारत ने खोजे नए रास्ते

जनवरी में अमेरिका ने रूस पर अब तक का सबसे सख्त प्रतिबंध लगाया। इसमें तेल कंपनियों, टैंकरों, व्यापारियों और बंदरगाहों को निशाना बनाया गया। रूस की प्रमुख कंपनियां Gazprom Neft और Surgutneftegas और 183 जहाजों को भी ब्लैकलिस्ट किया गया। इनमें कई जहाज़ ऐसे हो सकते हैं जो भारत के लिए तेल ला रहे थे। रूस की एक बड़ी बीमा कंपनी पर भी पाबंदी लगाई गई है। एक भारतीय अधिकारी के मुताबिक, “जनवरी के बाद भारतीय कंपनियों ने कुछ वैकल्पिक रास्ते खोज लिए हैं, लेकिन तेल बाज़ार में अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है।”

First Published : April 10, 2025 | 9:02 PM IST