प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के दौरान कृषि, वानिकी और मत्स्य क्षेत्र में सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) में वास्तविक हिसाब से 3.5 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 4.1 प्रतिशत की तुलना में कम है।
आज जारी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के तिमाही अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2026 में जुलाई से सितंबर के दौरान कृषि एवं संबंधित गतिविधियों का नॉमिनल जीवीए महज 1.8 प्रतिशत बढ़ा है। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 7.6 प्रतिशत की तुलना में कम है। मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में तेज गिरावट के कारण ऐसा हुआ है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में नॉमिनल टर्म में कृषि एवं संबंधित गतिविधियों का जीवीए 3.2 प्रतिशत था। यह भी वित्त वर्ष 2025 की समान अवधि के 7.5 प्रतिशत की तुलना में बहुत कम था।
बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘खरीफ की फसल अच्छी रहने के कारण कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है। इसका असर तीसरी तिमाही में अधिक नजर आएगा।’ जुलाई से सितंबर की अवधि सामान्यतया ऐसी रहती है, जब खरीफ की फसल की बोआई होती है रबी की फसल तैयार हो चुकी होती है। खरीफ की बोआई जून में शुरू होती है और कटाई अक्टूबर में शुरू हो जाती है। जीवीए से खरीफ की शुरुआती फसल का भी पता चलता है। कृषि और 2025 में बंपर मॉनसून की असली तस्वीर आने वाली तिमाहियों में सामने आएगी।