अर्थव्यवस्था

भारत-न्यूजीलैंड में डिजिटल भुगतान और FTA पर बातचीत तेज, व्यापार और निवेश सहयोग को मिलेगा नया आयाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्रिस्टोफर लक्सन के बीच प्रतिनिधिमंडल-स्तरीय वार्ता, डिजिटल पेमेंट, एफटीए, हवाई सेवा और कृषि क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- March 17, 2025 | 10:38 PM IST

भारत और न्यूजीलैंड ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है। दोनों ही देश इस खंड में सहयोग जल्द से जल्द शुरू करने के लिए बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए हैं। न्यूजीलैंड के प्रधानमत्री क्रिस्टोफर लक्सन के मौजूदा भारत दौरे में दोनों देश दोतरफा व्यापार एवं निवेश से जुड़ी संभावनाएं तलाशने की दिशा में आगे बढ़ने में भी दिलचस्पी दिखाई है।

लगभग 10 वर्षों के अंतराल के बाद दोनों देशों ने प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर दोबारा बातचीत शुरू की है। इसके एक दिन बाद लक्सन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्रतिनिधिमंडल-स्तरीय बातचीत की। दोनों ही नेताओं ने इन सभी विषयों पर संवाद शुरू करने और जल्द से जल्द समाधान खोजने के लिए अपने-अपने वरिष्ठ प्रतिनिधियों को अधिकृत करने की भी घोषणा की।

वर्ष 2023-24 में भारत ने न्यूजीलैंड को कुल 53.5 करोड़ डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया जबकि आयात 33.5 करोड़ डॉलर का रहा। इस तरह उक्त अवधि में कुल 87.3 करोड़ डॉलर मूल्य की वस्तुओं एवं सेवाओं का आयात-निर्यात हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश में निरंतरता का स्वागत किया। न्यूजीलैंड भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिहाज से 59वां सबसे बड़ा देश है जहां से साल 2000 से 8.72 करोड़ डॉलर एफडीआई आया है।

दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘दोनों ही देश एक दूसरे की ताकत का लाभ उठाकर और एक दूसरे की चिंताओं को दूर कर द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। इस द्विपक्षीय समझौते दोनों देशों को परस्पर लाभ मिलेगा और निवेश में तेजी आएगी।‘

दोनों नेता आपसी हितों से जुड़े मुद्दों के समाधान खोजने और व्यापार एवं अन्य विषयों पर तेजी से आगे बढ़ने के लिए प्रतिनिधि नियुक्त करने पर सहमत हुए। बातचीत के बाद न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने रायसीना डायलॉग में कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में बदलाव, क्वांटम टेक्नोलजी, जैव-तकनीक में प्रगति और विनिर्माण में तेजी से से दोनों देशों को लाभ पहुंचेगा।

दोनों ही पक्षों ने सीमा शुल्क सहयोग व्यवस्था (सीसीए) के अंतर्गत अथॉराइज्ड ऑपरेशंस म्युचुअल रिकग्निशन अरेंजमेंट (एईओ-एमआरए) पर हुए हस्ताक्षर का भी स्वागत किया। सीसीए पर 2024 में हस्ताक्षर हुए थे जिससे दोनों देशों के बीच वस्तुओं की आवाजाही आसान हो जाएगी।

दोनों देश द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौते को नया रूप देने पर भी सहमत हुए। इसके बाद दोनों देश अपनी विमानन कंपनियों को दोनों देशों के बीच सीधी-हवाई सेवाएं शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी सहमत हुए। भारत और न्यूजीलैंड दोनों देशों ने समझौते के कई मसौदों पर भी हस्ताक्षर किए। इनमें बागवानी और वानिकी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना भी शामिल है जिससे ज्ञान एवं शोध का आपस में आदान-प्रदान हो सकेगा। इसके अलावा फसलों की कटाई के बाद विपणन ढांचे और तकनीकी आदान-प्रदान में भी मदद मिलेगी।

First Published : March 17, 2025 | 10:35 PM IST