प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए जवाबी शुल्क के प्रभावी होने से पहले भारतीय निर्यातकों ने अमेरिका में खूब माल भेजा। कपड़ा और परिधान कंपनियों और उनके भारतीय आपूर्तिकर्ताओं द्वारा माल भेजने की होड़ लग गई। अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रशासन की इकाई ऑफिस ऑफ टेक्सटाइल ऐंड अपैरल (ओटेक्सा) के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल जुलाई में भारत के निर्यात में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 9.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इसी तरह, जून में भी एक महीने पहले के मुकाबले निर्यात में 12 फीसदी का इजाफा हुआ था।
भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (सिटी) के विश्लेषण में कहा गया है कि इतनी वृद्धि के बावजूद इस साल अब तक भारत का निर्यात अपने प्रमुख प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले काफी कम है। दिलचस्प है कि तिरुपुर के निर्यातकों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि भारतीय निर्यातकों के मार्जिन के आधार पर करीब 5 से 8 फीसदी की छूट पर अमेरिका के प्रमुख ब्रांड गर्मियों के लिए मौजूदा ऑर्डर बरकरार रखने पर सहमत हो गए हैं।
सिटी के विश्लेषण में कहा गया है, ‘पिछले साल जुलाई के मुकाबले इस साल जुलाई में वियतनाम और बांग्लादेश से अमेरिका में कपड़ा का आयात 14.2 फीसदी और परिधान का आयात 5.2 फीसदी बढ़ा। जून के मुकाबले वृद्धि की गति धीमी होने के बावजूद, दोनों देशों ने अमेरिका में अपनी बाजार स्थिति को मजबूत करना जारी रखा।’
भारत और अन्य देशों से निर्यात में वृद्धि चीन की कीमत पर हुई है, जिसने जुलाई 2024 की तुलना में अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात में 35 फीसदी की गिरावट देखी। जनवरी से जुलाई की अवधि में भी अमेरिका को भारत का कुल कपड़ा और परिधान निर्यात 11.4 फीसदी बढ़कर 6.22 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2024 में इसी अवधि के दौरान यह 5.58 अरब डॉलर था। इसके अलावा, प्रतिद्वंद्वी वियतनाम के लिए यह 10.41 अरब डॉलर था, जो 2024 के मुकाबले 18 फीसदी अधिक था और बांग्लादेश के लिए 21 फीसदी बढ़कर 5.11 अरब डॉलर हो गया। यह वृद्धि मुख्यतः चीनी निर्यात में 20 फीसदी की गिरावट (11.21 अरब डॉलर) के कारण हुई।
भारत का कपड़ा और परिधान क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में करीब 2 फीसदी का योगदान देता है और रोजगार व आजीविका देने वाले सबसे बड़े क्षेत्रों में से एक है। अमेरिका भारत के कपड़ा और परिधान उत्पादों का सबसे बड़ा बाजार है। भारत के कपड़ा और परिधान निर्यात का लगभग 28 फीसदी अमेरिका को जाता है।
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का अमेरिका को कपड़ा और परिधान उत्पादों का निर्यात लगभग 11 अरब डॉलर का था। चीन अमेरिका को कपड़ा और परिधान का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, उसके बाद वियतनाम, भारत और बांग्लादेश का स्थान आता है। वियतनाम और बांग्लादेश के लिए 20-20 फीसदी की मौजूदा अमेरिकी शुल्क की दरें भारत के मुकाबले काफी कम हैं।