अर्थव्यवस्था

अमेरिका को एक्सपोर्ट 22% बढ़ा, लेकिन सात बड़े देशों को भारतीय निर्यात में भारी गिरावट दर्ज

भारतीय निर्यातकों ने 50% शुल्क लागू होने से पहले अमेरिका को माल भेजना तेज किया और अन्य सात प्रमुख देशों को निर्यात में भारी गिरावट दर्ज की।

Published by
श्रेया नंदी   
Last Updated- August 19, 2025 | 9:59 PM IST

अगस्त के अंत तक 50 प्रतिशत शुल्क लागू होने से आने वाले महीनों में अमेरिका को होने वाले भारत के निर्यात में भारी कमी आ सकती है। वित्त वर्ष 2026 के पहले 4 महीनों के दौरान शीर्ष 20 देशों में से लगभग 7 देशों को भारत से निर्यात घट ही चुका है।

वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल जुलाई के दौरान जिन देशों को होने वाले निर्यात में कमी आई है, उनमें नीदरलैंड (-21.2 प्रतिशत), ब्रिटेन (-11.2 प्रतिशत), सिंगापुर (-11.8 प्रतिशत), सऊदी अरब (-11.8 प्रतिशत), दक्षिण अफ्रीका (-16.3 प्रतिशत), इटली (-9.3 प्रतिशत), फ्रांस (-17.3 प्रतिशत) और मलेशिया (-28.8 प्रतिशत) शामिल हैं। वित्त वर्ष 2026 के पहले 4 महीनों में  इन 20 देशों  की भारत के कुल वस्तु निर्यात में हिस्सेदारी 69 प्रतिशत है।

इस अवधि के दौरान भारत का  निर्यात 3 प्रतिशत बढ़कर 149.2 अरब डॉलर हो गया है, जिसमें अमेरिका को भेजी जाने वाली खेप में 22 प्रतिशत  वृद्धि हुई है। अमेरिका अभी भी भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना हुआ है। एक साल पहले अप्रैल-जुलाई के दौरान अमेरिका को होने वाला निर्यात 19 प्रतिशत बढ़ा है। अमेरिका द्वारा अलग-अलग देशों पर अलग-अलग कर लगाए जाने के कारण फैली अनिश्चिता की वजह से निर्यातकों का कहना है कि वैश्विक मांग सुस्त बनी हुई है।

बहरहाल अमेरिका को भारत का निर्यात तेज बना हुआ है और निर्यातकों के आक्रामक निर्यात के कारण दो अंकों की वृद्धि दर बनी हुई है। शुल्क से बचने के लिए अमेरिका के खरीदार भंडार बना रहे हैं और इसकी वजह से 50 प्रतिशत कर लागू होने के बाद आगे चलकर मांग घट सकती है। निर्यातकों ने अमेरिका के ऑर्डरों को प्राथमिकता दी और इसकी वजह से अन्य प्रमुख बाजारों पर उतना नहीं दे पाए। निर्यातकों ने अगस्त के आखिर से  लगने वाले 50 प्रतिशत कर से बचने की कवायद में अमेरिका को निर्यात तेज कर दिया था।

First Published : August 19, 2025 | 9:46 PM IST