चौथी तिमाही में 3.5 प्रतिशत रह सकती है वृद्धि दर : इक्रा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 6:46 PM IST

रेटिंग एजेंसी इक्रा का मानना है कि समाप्त वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर गिरकर 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि तीसरी तिमाही में यह 5.4 प्रतिशत रही थी।
इक्रा रेटिंग्स ने सोमवार को जनवरी-मार्च 2022 तिमाही के बारे में जारी अपने अनुमान में कहा कि जिंसों के दाम बढऩे से मार्जिन पर आए असर, गेहूं की पैदावार में गिरावट आने और तुलनात्मक आधार ऊंचा होने से जीडीपी वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रह सकती है।
इसके अलावा जनवरी-फरवरी में कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन का प्रकोप रहने से भी संपर्क-बहुल सेवाओं के पुनरुद्धार पर असर देखा गया। इसका भी वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में वृद्धि की रफ्तार पर असर रहा। इक्रा ने कहा है कि चौथी तिमाही में आधार कीमतों पर सकल मूल्य-वद्र्धन (जीवीए) घटकर 2.7 प्रतिशत पर आने के आसार हैं जबकि तीसरी तिमाही में यह 4.7 प्रतिशत पर रहा था। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी एवं अंतिम तिमाही के आंकड़े 31 मई को जारी करेगा।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि चौथी तिमाही का समय चुनौतीपूर्ण था जिसमें ओमीक्रोन की वजह से कोविड-19 की तीसरी लहर आई और जिंसों के दाम अधिक होने से मार्जिन भी कम हुआ। इसके अलावा मार्च में ही सामान्य से ज्यादा गर्मी पडऩे से गेहूं की पैदावार पर भी प्रतिकूल असर देखा गया।
नायर ने कहा कि हमें आशंका है कि कृषि एवं उद्योग दोनों ही क्षेत्रों में चौथी तिमाही में जीवीए वृद्धि एक प्रतिशत से कम रहेगी जबकि सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर करीब 5.4 प्रतिशत रह सकती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करने से कारोबारी धारणा में सुधार होगा और उपभोक्ताओं की खर्च-योग्य आय बढ़ेगी। इसके साथ ही उपभोक्ता-मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में भी गिरावट आएगी।        

First Published : May 24, 2022 | 12:59 AM IST