वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से सितंबर में भारत के शुद्ध राजस्व में वृद्धि घटकर 1.60 लाख करोड़ रुपये रह गई। यह अगस्त के 1.67 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह से 4.2 प्रतिशत कम है। करदाताओं को दिए गए रिफंड में 40 प्रतिशत वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है।
अगस्त महीने में शुद्ध जीएसटी संग्रह 10.7 प्रतिशत बढ़ा था और इस महीने के दौरान रिफंड में 20 प्रतिशत गिरावट आई थी। बढ़े रिफंड के पहले सकल जीएसटी प्राप्तियां सितंबर में 9.1 प्रतिशत बढ़कर 4 महीने के उच्च स्तर 1.89 लाख करोड़ रुपये पर रही हैं। यह अगस्त की सकल प्राप्तियों से 1.5 प्रतिशत अधिक है।
सितंबर में घरेलू लेनदेन से सकल राजस्व में बढ़ोतरी 6.8 प्रतिशत रही है, जो इसके पहले महीने में 9.6 प्रतिशत थी। बहरहाल आयात से प्राप्तियां 15.6 प्रतिशत बढ़ी हैं, जिसमें अगस्त के दौरान 1.2 प्रतिशत संकुचन आया था। घरेलू लेनदेन पर रिफंड 52.2 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि निर्यातकों को रिफंड करीब 27 प्रतिशत बढ़ा है।
कर विशेषज्ञों का मानना है कि सितंबर का आंकड़ा उन उम्मीदों को झुठलाता है कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पहली बार घोषित जीएसटी दरों में कटौती से उस महीने के दौरान आर्थिक गतिविधियां धीमी हो जाएंगी, क्योंकि लोग नई दरों के लागू होने का इंतजार कर सकते हैं।
डेलॉयट के पार्टनर एमएस मणि ने कहा, ‘इस महीने सकल जीएसटी संग्रह बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपये होने से संकेत मिलता है कि 25 अगस्त के दौरान जीएसटी दर में कटौती की उम्मीद में आर्थिक गतिविधि में कोई महत्त्वपूर्ण मंदी नहीं आई है, क्योंकि यह डेटा अगस्त में हुए लेनदेन से संबंधित है।’
ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर और कर विवाद प्रबंधन प्रमुख मनोज मिश्रा ने कहा, ‘ कारोबारियों द्वारा रणनीतिक रूप से कीमतों को समायोजित करने और लाभ जल्दी देने से इसका प्रभाव आंशिक रूप से कम हो गया।’
वित्त वर्ष 2025-26 के पहले 6 महीने में शुद्ध जीएसटी राजस्व अब 8.3 प्रतिशत बढ़कर 10.38 लाख करोड़ रुपये हो गया है। शुद्ध घरेलू राजस्व 6.7 प्रतिशत बढ़कर 8.06 लाख करोड़ रुपये रहा है और आयात से शुद्ध संग्रह 14.1 प्रतिशत बढ़कर 2.31 लाख करोड़ रुपये रहा है। सकल जीएसटी संग्रह जहां 9.8 प्रतिशत बढ़कर 11.93 लाख करोड़ रुपये रहा है, जबकि रिफंड 21 प्रतिशत बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये रहा है।
मणि ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2026 के दौरान औसत मासिक संग्रह 2 लाख करोड़ रुपये प्रति माह से थोड़ा कम है, जो पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।’
ईवाई में पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा कि आयात पर जीएसटी प्राप्तियों में वृद्धि की वजह खुदरा विक्रेताओं और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों द्वारा त्योहारी सीजन की उच्च मांग की उम्मीद में भंडारण बढ़ाना है।