सरकारी खजाने को फरवरी में रिफंड के बाद भी 1.51 लाख करोड़ रुपये का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्राप्त हुआ। पिछले साल फरवरी के मुकाबले यह आंकड़ा 13.6 फीसदी ज्यादा रहा। इसे मिलाकर चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में जीएसटी से कुल 16.36 लाख करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है, जो 2022-23 के पहले 11 महीनों की तुलना में 13 फीसदी ज्यादा है।
पिछले महीने रिफंड देने से पहले कुल 1.68 लाख करोड़ रुपये जीएसटी इकट्ठा हुआ था, जो फरवरी, 2023 से 12.54 फीसदी ज्यादा था। मगर इसी साल जनवरी में मिले 1.74 लाख करोड़ रुपये से यह कम रहा। जनवरी के मुकाबले फरवरी में कमी की बड़ी वजह महीने में दो दिन कम रहना मानी जा रही है।
फिर भी अप्रैल से फरवरी के दौरान जीएसटी ने केंद्र एवं राज्यों के खजाने में कुल 18.47 लाख करोड़ रुपये भरे, जो पिछले वित्त वर्ष के शुरुआती 11 महीनों के 16.47 लाख करोड़ रुपये से 11.7 फीसदी ज्यादा रहा।
मई और अगस्त को छोड़ दें तो चालू वित्त वर्ष में फरवरी तक हर महीने 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक जीएसटी इकट्ठा हुआ।
2023-24 के पहले 11 महीनों में हर महीने औसतन 1.67 लाख करोड़ रुपये जीएसटी आया, जो पिछले वित्त वर्ष में औसतन 1.5 लाख करोड़ रुपये था।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘जीएसटी राजस्व के आंकड़े बताते हैं कि आर्थिक विकास की रफ्तार जारी है और प्रदर्शन भी सकारात्मक हैं।’
शुद्ध अप्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि देखकर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7.3 फीसदी से बढ़ाकर 7.6 फीसदी कर दिया है। एकीकृत जीएसटी निपटाने के बाद केंद्र के खजाने में 73,641 करोड़ और राज्यों की झोली में 75,569 करोड़ रुपये आए।
एकेएम ग्लोबल में टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि मजबूत आर्थिक वृद्धि, कर अनुपालन एवं करदाताओं की संख्या में इजाफे, जीएसटी की दरें दुरुस्त करने की संभावना, क्षेत्रों के विस्तार, मोटी वसूली और कर आधार में वृद्धि के कारण फरवरी में जीएसटी संग्रह इतना बढ़ा है।