सरकार का सब्सिडी खर्च हुआ तीन गुना

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:10 AM IST

पेट्रोलियम और उर्वरक सब्सिडी पर कम खर्च करने के बावजूद 2020-21 में केंद्र सरकार का सब्सिडी पर खर्च 11 फीसदी बढ़ गया। 2019-20 में सरकार सब्सिडी खर्च को वर्ष भर के अपने संशोधित अनुमानों के 98 फीसदी पर रखने में सफल रही थी।
कुल सब्सिडी खर्च में वृद्घि मुख्य तौर पर खाद्य सब्सिडी मद में अधिक  भुगतान के कारण रहा। इसके कारण अनुमानों में 24 फीसदी या 1 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ था। पिछले वर्ष महामारी के दौरान सरकार ने खाद्य सब्सिडी पर 5.3 लाख करोड़ रुपये खर्च किया जो 2019-20 में इस मद में किए गए 1.08 लाख करोड़ रुपये के खर्च के मुकाबले पांच गुने से अधिक था।       
महालेख नियंत्रक की ओर से आज जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक सभी बड़े सब्सिडी में 36,178.43 करोड़ रुपये की पेट्रोलियम सब्सिडी थी जो फरवरी 2021 में पेश किए गए आम बजट में प्रस्तुत संशोधित अनुमानों का सबसे कम 93 फीसदी था। इसका मतलब है कि रसोई ईंधन एलपीजी और केरोसिन पर पेट्रोलियम सब्सिडी अनुमान से कम रही जबकि आत्मनिर्भर पैकेज में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को मुफ्त में तीन सिलिंडर दिए गए थे। चूंकि उपभोक्ता अब एलपीजी से खाना पका रहे हैं ऐसे सरकार चालू वर्ष में केरोसिन पर कोई खर्च नहीं होने का अनुमान लेकर चल रही है। एलपीजी कनेक्शन वाले लाभार्थियों को सरकारी नीति के तहत सब्सिडी वाली केरोसिन मुहैया नहीं कराई जाती है।
वित्त वर्ष 2021 में इसके उलट खाद्य सब्सिडी में तीव्र इजाफा हुआ और यह संशोधित अनुमान से 24.3 फीसदी ऊपर चला गया जो कि सर्वाधिक है। ऐसा उस वर्ष भारतीय खाद्य निगम के बकायों का भुगतान करने के कारण हुआ था। सरकार ने पहले उसे वित्त वर्ष 2021-22 में भुगतान करने की योजना बनाई थी।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘इससे वित्त वर्ष 2022 में खर्च के बजटीय स्तर के भीतर 1 लाख करोड़ रुपये की गुंजाइश का पता चलता है जिससे मुफ्त खाद्यान्न और उर्वरक सब्सिडी से संबंधित पहले से घोषित लागतों को वहन करने में मदद मिलेगी। साथ ही कोविड की दूसरी लहर के बाद मनरेगा आवंटन में इसकी सहायता से वृद्घि की जा सकती है।’
केयर रेटिंग्स के विश्लेषण के मुताबिक सब्सिडी के मदों में खर्च में भारी इजाफा हुआ है। यह मार्च 2021 में समाप्त तिमाही में समग्र तौर पर 4.6 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि उससे पिछली तिमाही में यह 0.7 लाख करोड़ रुपये रहा था।

First Published : May 31, 2021 | 11:36 PM IST